अयोध्या। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि स्थित नवनिर्मित श्रीराम-मन्दिर में चल रहे अनुष्ठान के तीसरे दिन यानी गुरुवार की दोपहर 12:30 बजे के बाद राममूर्ति का प्रवेश हुआ। दोपहर 01:20 बजे यजमान अनिल मिश्र और उनकी पत्नी उषा द्वारा प्रधान संकल्प लिया गया। इस दौरान पूरा श्रीराम मंदिर परिसर वेद मन्त्रों की ध्वनि से गुंजरित होता रहा। इसके बाद श्रीरामलला की मूर्ति के जलाधिवास तक का अनुष्ठान विधि सम्मत तरीके से पूरा किया गया।
आचार्य अरुण दीक्षित के अनुसार अनुष्ठान मुहूर्त के अनुसार प्रधान संकल्प और गणेश-अम्बिका पूजन से शुरू हुआ और फिर वरुण पूजन, वस्त्र-पात्र आदि के साथ आचार्यों के कार्यों का विभाजन, वाल्मीकि, अध्यात्मिक, भुशुंडी, रामचरित मानस समेत कुल 6 रामायणों के वाचन के लिए 6 आचार्यों का वरण भी हुआ। इस दौरान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के प्रथम यजमान अनिल मिश्र और उनकी पत्नी उषा मिश्रा को मंडप में प्रवेश कराया गया।
वास्तु पूजा और मंडप के सभी खम्भों में विराजमान देवताओं की आराधना के बाद श्रीरामलला की मूर्ति के जलाधिवास के साथ अनुष्ठान को पूरा कर लिया गया।
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