Ayodhya: 500 साल के संघर्ष के बाद 22 जनवरी को रामलला की प्रतिष्ठा होने जा रही है, यह हिंदुओं के लिए ऐतिहासिक दिन होगा। वैसे तो राम कण-कण में हैं लेकिन आज हम आपको एक ऐसे पेड़ के बारे में बताने जा रहे हैं जिस पर भगवान राम का नाम अपने आप अंकित हो जाता है। जी हां, इसे पढ़ने के बाद आप सोच रहे होंगे कि क्या वाकई ऐसा है, तो इसकी सच्चाई जानने के लिए पाञ्चजन्य की टीम भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या पहुंची।
अयोध्या के तकपुरा गांव के पास हाईवे से सटे निरंकारपुर गांव में एक प्रसिद्ध रामवृक्ष है, जिस पर स्वयं राम का नाम अंकित हो जाता है। राम नाम का यह वृक्ष भक्तों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है। दूर-दूर से श्रद्धालु इस वृक्ष के दर्शन करने के लिए आते हैं। पाञ्चजन्य की टीम ने राम नाम वृक्ष की सत्यता को जानने के लिए वहां के स्थानीय लोगों से बात की, आइए जानते हैं वहां के ग्रामीणों ने क्या कहा।
गांव वालों का कहना है कि इस पेड़ को लोग रोजाना आते-जाते देखते थे, लेकिन एक दिन अचानक चमत्कार हो गया। एक दिन देखा गया कि अचानक पेड़ पर राम नाम उभर आया लेकिन लेकिन इस बारे में वनस्पति विज्ञान से भी संपर्क किया गया। यह बात वनस्पति विज्ञान की भी समझ से परे थी, तभी से इस वृक्ष को राम-नाम वृक्ष के नाम से जाना जाने लगा और इसकी पूजा की जाने लगी। हर साल पितृ विसर्जन के दिन राम नाम के इस अद्भुत पेड़ के पास मेला लगता है। इसमें शामिल होने के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आते हैं।
रामवृक्ष के बारे में ये बातें मान्यताओं पर आधारित हैं पाञ्चजन्य इनकी पुष्टि नहीं करता है। अगर आपको यह स्टोरी पसंद आयी हो तो शेयर जरूर करें और इसी तरह की अन्य स्टोरीज पढ़ने के लिए जुड़े रहें आपकी अपनी वेबसाइट पाञ्चजन्य के साथ।
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