यमन के हूती विद्रोहियों को अमेरिकी जहाज पर बैलेस्टिक मिसाइल से हमला करना महंगा पड़ गया है। एक सप्ताह के भीतर ही दूसरी बार अमेरिका ने हूती विद्रोहियों पर एयरस्ट्राइक कर दी है। अमेरिकी मीडिया ने अधिकारियों के हवाले से इस हमले का दावा किया है।
समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी सेना ने बुधवार को हौथी-नियंत्रित क्षेत्रों पर पनडुब्बी मिसाइलों और फाइटर प्लेन से हमला किया। अमेरिका ने ये हमला हूती विद्रोहियों के उस हमले के बाद किए गए है, जिसमें उसने अमेरिकी मालवाहक जहाज पर हमला किया था। हाल के दिनों में ये चौथी बार है जब अमेरिका ने हूती विद्रोहियों पर कहर बरपाया है। हालांकि, इस जानकारी का खुलासा अमेरिकी मीडिया को अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर दिया है। अभी तक इसे सीक्रेट रखा गया था।
दरअसल, बुधवार को ही अमेरिका ने हूती विद्रोहियों को वैश्विक आतंकवादी संगठनों की सूची में डाल दिया था।
गौरतलब है कि इससे पहले 13 जनवरी को अमेरिका और ब्रिटेन की वायुसेना ने यमन के ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी, जिसके बाद हूती विद्रोहियों ने 16 जनवरी को अमेरिकी जहाज को लाल सागर में निशाना बनाया। हूतियों ने अमेरिका के ड्राई बल्क जहाज ‘जिब्राल्टर ईगल’ पर एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया। हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में लाल सागर में हूती विद्रोहियों के खिलाफ प्रस्ताव पास किया गया था। इसमें हूती आतंकियों द्वारा वाणिज्यिक जहाजों पर हमले की निंदा की गई थी। साथ ही इसके खिलाफ प्रभावी कदम उठाने के लिए प्रस्ताव पास किए गए थे।
जब से इजरायल और हमास का युद्ध शुरू हुआ है, तभी से हूती आतंकियों न लाल सागर में अपने हमलों को तेज कर दिया है। ये आतंकी लगातार कार्गो जहाजों को निशाना बना रहे हैं।
ईरान पाल रहा इन्हें
हूती विद्रोहियों के मनोबल बढ़ने का सबसे बड़ा कारण उन्हें ईरान का समर्थन हासिल होना है। लेबनान के हिजबुल्लाह की तरह ही हूतियों को ईरान हथियार सप्लाई करता है। वह इन्हें फायदे के हिसाब से इस्तेमाल करता है।
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