राष्ट्रीय साप्ताहिक ‘पाञ्चजन्य’ (PANCHJANYA) अपनी यात्रा के 77वें वर्ष को मना रहा है। इसके तहत आज यानि सोमवार को दिल्ली के होटल अशोक में “बात भारत की” Confluence कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें अभिनेता नीतीश भारद्वाज भी शामिल हुए। इन्होंने धार्मिक धारावाहिक में श्री कृष्ण की भूमिका निभाई है। बातचीत के दैरान नीतीश भारद्वाज ने कहा कि कई बार लोग कहते हैं कि अपको तो पूरी महाभारत याद होगी, श्लोक सुना दीजिए, तब मैं कहता हूं कि मेरे घर में अक तोता है जिसे पूरी महाभारत याद है। साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे जब भी परेशानी हुई मैंने हमेशा बिहारी जी की शरण ली है।
राम और कृष्ण में अंतर की बात पर उन्होंने कहा कि मत्स्य, कूर्म, बराह, नरसिंह उसके बाद बामन अवतार हुआ, फिर समूर्ण मनुष्य परशुराम, लेकिन क्रोधी। उसके बाद पर्यादा पुरुषोत्तम राम जी का अवतार हुआ। हर अवतार जीवन में कुछ ना कुछ जीवन में मालवीय मूल्य प्रस्तुत करने के लिए हमारे समक्ष आते हैं। विष्णु पुराण अपने आप में इसको जानने के लिए परिपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आपको राम पसंद है या कृष्ण, यहां इसका सवाल नहीं है। हमें कुछ जगह राम बनके जीना पड़ेगा और कुछ जगह कृष्ण बनकर जीना पड़ेगा। यह सर्कस कलयुग में ऐसे ही चलेगा।
राम जी को नया घर मिल रहा है, कान्हा जी क्या कह रहे हैं? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि हम कान्हा जी से पूछेंगे कि क्या उनको घर चाहिए। जैसे ही जवाब मिलेगा। मैं उसको बता दूंगा। उन्होंने कहा कि आखिर क्यों न उनको घर मिले। उन्होंने कहा कि जन्म स्थान का अपना महत्व होता है, बड़े महापुरुषों का जो जन्म स्थान है वह आदर्श स्थापित करने के लिए हैं अगर उनका जन्म स्थान पवित्र नहीं होगा तो फिर किसका होगा? उन्होंने यह भी कहा कि मथुरा में भी जन्मभूमि स्वतंत्र होनी चाहिए।
नीतीश जी ने कहा कि अगर हम अपने बिहारी जी के लिए हक मांगे तो उसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि कष्ण मिथन नहीं हैं इसका इतिहास है, जिसको कई बार प्रमाणित कियाी जा चुका है। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण के हरकत को लीला इसलिए कहा गया क्योंकि उनका कृत्य एक बड़े उद्देश्य के लिए है। इस दौरान अपने धारावाहिक को लेकर बताया कि चोपड़ा साहब ने यह कहा था कि तुम कृष्ण का रोल कर रहे हो तो इतना ध्यान रखना अगर तुम फेल हो गए तो मेरा धारावाहिक फेल हो जाएगा।
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