राष्ट्रीय साप्ताहिक ‘पाञ्चजन्य’ (PANCHJANYA) अपनी यात्रा के 77वें वर्ष को मना रहा है। इसके तहत आज यानि सोमवार को दिल्ली के होटल अशोक में “बात भारत की” Confluence कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा शामिल हुए, जहां उन्होंने बात भारत के कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर पर सत्र आयोजित करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जी20 की बैठक के बाद जम्मू-कश्मीर में साढ़े तीन सौ गुना विदेशी सैलानियों की संख्या में वृद्धि हुई है। वहीं जम्मू-कश्मीर में इस साल 2 करोड़ 11 लाख सैलानी पहुंचे, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या एक करोड़ 88 लाख थी। इससे आप अनुमान लगा सकते हैं कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति कितनी बदल गई है।
मनोज सिन्हा ने कहा कि 2019 में पीएम मोदी ने बंधनों में जकड़े हुए जम्मू-कश्मीर को मुक्त किया और आम आदमी के विकास और उनकी प्रतिष्ठा कायम की। जम्मू-कश्मीर में शांंति और विकास लाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की योजनाएं काम कर रही हैं। इसमें मैं एक गिलहरी की भांति अपना योगदान दे रहा हूं। आज जम्मू-कश्मीर के युवाओं के हाथों में पत्थर नहीं, बल्कि टैबलेट और लैपटॉप दिखाई दे रहे हैं।
उप राज्यपाल ने कहा कि पिछले साढ़े चार सालों की यात्रा कई पीढ़ियों से संजोए सपनों को सफल करने की यात्रा रही है। इससे लोगों को सामान्य और गुणवत्तापूर्ण जीवन मिला है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी नव वर्ष में लाल चौक पर जश्न बताता है कि अंधेरे से छाए जम्मू-कश्मीर उंजाले में प्रवेश कर गया है। वहां की वादियों में अब गोलीबारी नहींं, बल्कि तरक्की का कोलाहल है। मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद अंतिम सांसे गिन रहा है। पहले सूरज डूबते ही वहां मोटर और पैरों की आवाज थम जाती थी, लेकिन आज कड़ाके की ठंड में भी देशभर के सैलानी वहां नाइट लाइफ का लुत्फ उठा रहे हैं।
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