नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आजादी के अमृतकाल को देश के युवाओं के लिए स्वर्ण युग बताते हुए कहा कि आज युवाओं के पास इतिहास में अपना नाम दर्ज कराने का मौका है।
प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के नासिक में 27वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्घाटन किया। महोत्सव की थीम- ‘विकसित भारत@2047 : युवा के लिए, युवा के द्वारा’ है। राष्ट्रीय युवा महोत्सव प्रत्येक वर्ष 12 से 16 जनवरी तक आयोजित किया जाता है। 12 जनवरी को स्वामी विवेकानन्द की जयंती है। इस वर्ष इस महोत्सव की मेजबानी महाराष्ट्र कर रहा है।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए वंशवाद की राजनीति को देश के लिए घातक बताते हुए युवाओं से राजनीति में आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत आज शीर्ष पांच वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और यह युवा शक्ति के कारण संभव हुआ है। पहली बार मतदान करने वाले युवा हमारे लोकतंत्र में नई ऊर्जा और शक्ति ला सकते हैं। उन्होंने कहा, “भारत लोकतंत्र की जननी है। लोकतंत्र में युवाओं की भागीदारी जितनी अधिक होगी, देश का भविष्य उतना ही बेहतर होगा। युवा सक्रिय राजनीति में आएंगे तो वंशवाद की राजनीति कम होगी। वंशवादी राजनीति के कारण देश को बहुत नुकसान हुआ है।”
प्रधानमंत्री ने देशवासियों से अयोध्या में 22 जनवरी को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के उद्घाटन से पहले तमाम मंदिरों और तीर्थस्थलों में स्वच्छता अभियान चलाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “मैंने आह्वान किया था कि 22 जनवरी तक हम सभी देश के तीर्थ स्थानों की, मंदिरों की साफ-सफाई करें, स्वच्छता का अभियान चलाएं। आज मुझे कालाराम मंदिर में दर्शन करने का और मंदिर परिसर में सफाई करने का सौभाग्य मिला है। मैं देशवासियों से अपना आग्रह फिर दोहराऊंगा कि राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के पावन अवसर के निमित्त देश के सभी मंदिरों, तीर्थ क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान चलाएं, अपना श्रमदान करें।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया आज भारत को एक कुशल कार्यबल वाले देश के रूप में देखती है। उन्होंने कहा कि भारत के युवा योग और आयुर्वेद के ब्रांड एंबेसडर बन रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि समय हर किसी को अपने जीवनकाल में एक सुनहरा मौका जरूर देता है। भारत के युवाओं के लिए वो सुनहरा मौका अभी अमृतकाल के रूप में है। आज आपके पास मौका है इतिहास बनाने का, इतिहास में अपना नाम दर्ज कराने का। आप ऐसा काम करिए कि अगली शताब्दी में उस वक्त की पीढ़ी आपको याद करे। आप अपने नाम को भारत और पूरी दुनिया के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिख सकते हैं। इसलिए मैं आपको 21वीं सदी के भारत की सबसे सौभाग्यशाली पीढ़ी मानता हूं। उन्होंने कहा कि मैं जानता हूं कि आप ये कर सकते हैं। भारत के युवा ये लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। मेरा सबसे ज्यादा भरोसा आप सभी पर, भारत के युवाओं पर है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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