अयोध्या में 22 जनवरी को होने जा रहे राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बयान पर बाबरी ढांचे के पक्षकार इकबाल अंसारी बयान दिया है। अंसारी ने कहा कि मैं तो अयोध्या का हूं और ये एक धार्मिक शहर है। यहां लोगों की श्रद्धा है। सभी विपक्षी पार्टियां विरोध कर रही हैं। लेकिन हम इसका विरोध नहीं कर रहे हैं, हम स्पष्ट रूप से कह रहे हैं कि अयोध्या आएं और सरयू नदी के पवित्र में पवित्र स्नान करें। अपने शरीर और मन को शुद्ध करें। इसका विरोध करने की कोई जरूरत नहीं है, प्राणप्रतिष्ठा होने जा रही है। लोगों को आना चाहिए और उन्होंने अपने जीवन में जो कुछ किया उसका लेखा भगवान को दो और उनका आशीर्वाद लो।”
https://twitter.com/ANI/status/1745645610437579251
क्या कहा था दिग्विजय सिंह ने
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के राम मंदिर के उद्घाटन में नहीं जाने के फैसले का दिग्विजय सिंह ने बचाव किया था। उन्होंने सफाई देते हुए कहा था वो राम मंदिर तब जाएंगे, जब ये पूरी तरह से बन जाएगा। दिग्विजय सिंह का कहना था कि राम मंदिर को विश्व हिन्दू परिषद और आरएसएस का इवेंट बना दिया गया है। दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया में वायरल खबरों के आधार पर तर्क देते हैं कि हमारे किसी भी धर्मगुरूओं ने इसे स्वीकृति नहीं दी है, सभी ने आपत्ति जताई है।
इसे भी पढ़ें: ‘नेहरू ने सोमनाथ मंदिर के साथ जैसा किया, अब कांग्रेस वैसा ही किया, ये निमंत्रण की हकदार नहीं’: हिमंत बिस्वा सरमा
धर्म शास्त्रों के मुताबिक, मंदिर अभी अधूरा है इसलिए उसकी प्राण प्रतिष्ठा नहीं होनी चाहिए। ये अशुभ है। हालांकि, आखिरकार भगवान राम को दिग्विजय सिंह ने भी ‘भगवान’ मान ही लिया। क्योंकि, इससे पहले तो उन्होंने सोनिया गांधी का प्रिय बनने के चक्कर में राम को काल्पनिक करार दे दिया था।
टिप्पणियाँ