भाषाओं को कैसे बदल रहा सोशल मीडिया
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम विज्ञान और तकनीक

भाषाओं को कैसे बदल रहा सोशल मीडिया

आज विभिन्न कोणों से उसके अध्ययन, शोध, विश्लेषण, मंथन तथा दस्तावेजीकरण का समय है। हिंदी तथा अन्य सभी भारतीय भाषाओं में ऐसे बदलाव बहुतायत में दिखाई दे रहे हैं, किंतु खेद का विषय है कि पश्चिमी भाषाओं की तुलना में हमारे यहां इन पर गंभीर, सुदीर्घ तथा परिपक्व अध्ययनों का अभाव है।

by बालेन्दु शर्मा दाधीच
Jan 12, 2024, 12:59 pm IST
in विज्ञान और तकनीक
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

देवनागरी में रोमन शब्दावली के घालमेल पर व्हाट्सएप, फेसबुक और दूसरे सोशल मीडिया माध्यमों पर पहले आपत्ति की जाती थी, लेकिन धीरे-धीरे यह घालमेल अपनी जगह मजबूत करता जा रहा

आज की हिंदी के जो दो रूप मुझ जैसे लोगों को परेशान करते हैं, वे हैं- हिंग्लिश (हिंदी तथा अंग्रेजी का मिश्रण) और कोलोकियल हिंदी (बेहद अनौपचारिक किस्म की हिंदी तथा सरल अंग्रेजी की खिचड़ी जिसे प्राय: रोमन लिपि में लिखा जाता है), लेकिन जिन्हें पसंद करने वालों की संख्या कम नहीं है। अंग्रेजी के अनेक शब्द हिंदी में आए हैं, जिन्हें मैं उतना बुरा नहीं समझता और इंटनरेटीय भाषा का हिंदी अनुवाद भी देखने को मिलता है (जैसे चिट्ठा और चटका), जिन्हें स्वीकार किया जा सकता है। बहरहाल, भाषाओं से जुड़े और भी पहलू हैं, जो हिंदी तक ही सीमित नहीं हैं।

अंग्रेजी भाषाविदों में आजकल यह चिंता आम है कि सोशल मीडिया पर होने वाले अटपटे-चटपटे भाषायी प्रयोगों तथा प्रचलनों से पारंपरिक व्याकरणिक परंपरा का अवमूल्यन हो रहा है और वहां छिन्न-भिन्न, अव्यवस्थित, असंगठित, अनुशासन-मुक्त और अनौपचारिक भाषायी परिवेश निर्मित हो रहा है। थोड़ा गहराई में जाएं तो फ्रांसीसी भाषा की परेशानी यह है कि सोशल मीडिया इस भाषा का अतिशय सरलीकरण करने पर आमादा है, जिससे उसकी शाब्दिक-साहित्यिक समृद्धि और प्रांजल प्रकृति खतरे में पड़ गई है।

जापान में इंटरनेट की टपोरी भाषा (स्लैंग) और शब्द-संक्षेपीकरण पर नाराजगी है। इस बढ़ती प्रवृत्ति के कारण ऐसा माना जा रहा है कि युवा पीढ़ी में संचार का वैसा कौशल नहीं रह गया है, जैसा पहले हुआ करता था। परिमाणत: जापानी भाषा का पारंपरिक सौंदर्य, उसकी परिशुद्धता और सुस्पष्ट प्रकृति संकट में है।

क्या यही सब चिंताएं हम हिंदीभाषियों की नहीं हैं? किंतु इन परिवर्तनों में भी कुछ अच्छा हो रहा है। भाषा नए वर्गों तक पहुंच रही है, शब्द संपदा समृद्ध हो रही है, भाषायी विविधता का विस्तार हुआ है और सांस्कृतिक दूरियां सिमट रही हैं। आज हम पिछली पीढ़ी की तुलना में संभवत: दूसरी भाषाओं तथा संस्कृतियों के शब्दों से अधिक परिचित हैं।

आजकल यह चिंता आम है कि सोशल मीडिया पर होने वाले अटपटे-चटपटे भाषायी प्रयोगों तथा प्रचलनों से पारंपरिक व्याकरणिक परंपरा का अवमूल्यन हो रहा है और वहां छिन्न-भिन्न, अव्यवस्थित, असंगठित, अनुशासन-मुक्त और अनौपचारिक भाषायी परिवेश निर्मित हो रहा है। थोड़ा गहराई में जाएं तो फ्रांसीसी भाषा की परेशानी यह है कि सोशल मीडिया इस भाषा का अतिशय सरलीकरण करने पर आमादा है, जिससे उसकी शाब्दिक-साहित्यिक समृद्धि और प्रांजल प्रकृति खतरे में पड़ गई है।

इंटरनेट के प्रभाव से हिंदी में आए बदलावों को शायद आपने नोट किया होगा। अंग्रेजी के कई शब्द संक्षेप, जैसे LOL (लाफ आउट लाउड यानी ठहाका), BRB (बी राइट बैक यानी अभी लौटता हूं), BTW (बाई द वे यानी प्रसंगवश) और TBH (टू बी आनेस्ट यानी ईमानदारी से कहूं तो..) हिंदी में भी चल निकले हैं। ऐसे शब्द संक्षेप अक्सर रोमन लिपि में ही लिख दिए जाते हैं, जो हिंदी की लिपि को भी प्रभावित कर रहे हैं। देवनागरी में रोमन शब्दावली का घालमेल होने पर व्हाट्सएप, फेसबुक और दूसरे सोशल मीडिया माध्यमों पर पहले आपत्ति की जाती थी, लेकिन धीरे-धीरे यह घालमेल अपनी जगह मजबूत करता जा रहा है।

लिखित संवादों में स्माइली, इमोजी और जिफ (चित्रों) का प्रयोग भी होने लगा है। लिखित संवाद में दृश्यात्मकता और चित्रात्मकता हिंदी के लिए नई चीज है। हालांकि जापानी जैसी भाषाओं में यह पहले से मौजूद रही है। ट्विटर ने हमारी भाषा को हैशटैग (#) जैसी चीजें दी हैं। हालांकि इस तरह के चिह्नों के लिए हमारी लिपि में कोई व्यवस्था नहीं है।

तीन दशक से अधिक की अवधि में हुआ नए मीडिया का विकास और इंटरनेट के अपरिमित प्रयोक्ता इस मीडिया को अनगिनत चुनौतियों तथा अवसरों की कसौटियों पर कस चुके हैं। नतीजतन आज वह हमारे समाज की परिपक्व तथा जीवंत वास्तविकता है। आज विभिन्न कोणों से उसके अध्ययन, शोध, विश्लेषण, मंथन तथा दस्तावेजीकरण का समय है। हिंदी तथा अन्य सभी भारतीय भाषाओं में ऐसे बदलाव बहुतायत में दिखाई दे रहे हैं, किंतु खेद का विषय है कि पश्चिमी भाषाओं की तुलना में हमारे यहां इन पर गंभीर, सुदीर्घ तथा परिपक्व अध्ययनों का अभाव है।
(लेखक माइक्रोसॉफ्ट एशिया में डेवलपर मार्केटिंग के प्रमुख हैं)

Topics: देवनागरीरोमन शब्दावलीकोलोकियल हिंदीसंस्कृति शब्दइंटनरेट भाषाDevanagariRoman VocabularyColloquial HindiCulture WordsInternet Language
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

No Content Available

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

जनरल मुनीर को कथित तौर पर किसी अज्ञात स्थान पर रखा गया है

जिन्ना के देश का फौजी कमांडर ‘लापता’, उसे हिरासत में लेने की खबर ने मचाई अफरातफरी

बलूचिस्तान ने कर दिया स्वतंत्र होने का दावा, पाकिस्तान के उड़ गए तोते, अंतरिम सरकार की घोषणा जल्द

IIT खड़गपुर: छात्र की संदिग्ध हालात में मौत मामले में दर्ज होगी एफआईआर

प्रतीकात्मक तस्वीर

नैनीताल प्रशासन अतिक्रमणकारियों को फिर जारी करेगा नोटिस, दुष्कर्म मामले के चलते रोकी गई थी कार्रवाई

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) (चित्र- प्रतीकात्मक)

आज़ाद मलिक पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का संदेह, ED ने जब्त किए 20 हजार पन्नों के गोपनीय दस्तावेज

संगीतकार ए. आर रहमान

सुर की चोरी की कमजोरी

आतंकी अब्दुल रऊफ अजहर

कंधार प्लेन हाईजैक का मास्टरमाइंड अब्दुल रऊफ अजहर ढेर: अमेरिका बोला ‘Thank you India’

जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा नागरिक इलाकों को निशाना बनाए जाने के बाद क्षतिग्रस्त दीवारें, टूटी खिड़कियां और ज़मीन पर पड़ा मलबा

पाकिस्तानी सेना ने बारामुला में की भारी गोलाबारी, उरी में एक महिला की मौत

बलूच लिबरेशन आर्मी के लड़ाके (फाइल चित्र)

पाकिस्तान में भड़का विद्रोह, पाकिस्तानी सेना पर कई हमले, बलूचिस्तान ने मांगी आजादी, कहा – भारत में हो बलूच दूतावास

“भय बिनु होइ न प्रीति “: पाकिस्तान की अब आएगी शामत, भारतीय सेना देगी बलपूर्वक जवाब, Video जारी

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies