इजरायल हमास युद्ध के बीच लाल सागर में हूती विद्रोहियों के हमले बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में इन हमलों से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इसे खत्म करने वाले रिजोल्युशन को मंजूरी दे दी है। इसके लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका और जापान प्रस्ताव लाए थे।
इसमें लाल सागर में हूती विद्रोहियों द्वारा व्यापारिक जहाजों को लूटने के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी। परिषद में वोटिंग से पहले रूस ने कुछ संसोधन भी सुझाए थे, लेकिन सुरक्षा परिषद ने उसे सिरे से खारिज कर दिया। सुरक्षा परिषद का तर्क था कि इससे प्रस्ताव कमजोर हो सकता था। वोटिंग के दौरान प्रस्ताव के पक्ष में 11 वोट पड़े, जबकि चीन, रूस और अल्जीरिया समेत चार देशों ने इसमें हिस्सा ही नहीं लिया। दरअसल, रूस ने तीन प्रस्ताव रखे थे, लेकिन तीनों को ही खारिज कर दिया गया।
यूएनएससी में प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान 19 नवंबर के बाद से लाल सागर में हूती विद्रोहियों द्वारा वाणिज्यिक जहाजों को निशाना बनाए जाने की घटनाओं की कड़ी निंदा करते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की गई। इसमें कहा गया है कि ये सर्विविदित अंतरराष्ट्रीय कानून है कि समुद्री मार्गों में सभी प्रकार के व्यापारिक जहाजों को स्वतंत्रता और सम्मान के साथ आने-जाने का अधिकार है। प्रस्ताव में हूती विद्रोहियों को हथियारों की आपूर्ति किए जाने की कठोर निंदा की गई।
हूतियों के खिलाफ एक्शन में अमेरिका, ब्रिटेन
गौरतलब है कि इजरायल हमास युद्ध शुरू होने के बाद से ही लाल सागर में हूती विद्रोहियों ने अपने हमले तेज कर दिए हैं। UNSC में चर्चा के दौरान अमेरिका ने बताया कि मंगलवार को ही अमेरिका ने ब्रिटिश नेवी के साथ मिलकर लाल सागर में हूतियों द्वारा छोड़े गए 21 ड्रोन्स को तबाह कर दिया था। इजरायल हमास युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक लाल सागर में हूती विद्रोहियों ने करीब दो दर्जन से अधिक हमले किए हैं। गौरतलब है कि हिजबुल्लाह की ही तरह हूतियों को भी ईरान का समर्थ मिला हुआ है।
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