पाकिस्तान बलूचिस्तान में अपना दमनचक्र चला रहा है। वहां बलूचों पर अत्याचार करने के लिए पुलिस और सेना को जैसे खुली छूट दी हुई है। वहां के लोग अगवा किए जा रहे हैं, आएदिन गोलीबारी की जा रही है। बलूचिस्तान में बुनियादी सुविधाओं का जबरदस्त अभाव है, खाने—पीने की चीजें कम पहुंचती हैं और जितनी मिलती हैं उसके दाम आसमान पर होते हैं। युवा बलूचों को तो खासतौर पर निशाना बनाया जाता है। इन सब अत्याचारों के प्रति अमेरिका को झकझोरने की गरज से बलूचों ने व्हाइट हाउस के सामने एक विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारी बलूचों का उद्देश्य था गत 75 वर्ष से पाकिस्तान बलूचिस्तान के लोगों पर जिस प्रकार का दमन किया जा रहा है उसके प्रति अमेरिकी प्रशासन को जगाया जाए। प्रदर्शन में शामिल बलूच नेताओं का कहना था कि वे उन बलूच परिवारों के साथ खड़े हैं जो सीधे सीधे इस अत्याचार के शिकार हुए हैं। उनके परिजनों को अगवा किया गया है और जिनका आज तक कोई पता नहीं चला है।
पाकिस्तान के बलूचिस्तान के प्रति ऐसे सौतेले और दमनकारी बर्ताव के बारे में बात करते हुए बलूचिस्तानियों के प्रतिनिधि, बलूचिस्तान विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष वहीद बलूच कहते हैं कि पाकिस्तान की सत्ता गत 75 साल से बलूचिस्तान में अत्याचार करती आ रही है। समय आ गया है कि दुनिया को यह कड़वी सचाई मालूम चले।
पाकिस्तान के बलूचिस्तान के प्रति ऐसे सौतेले और दमनकारी बर्ताव के बारे में बात करते हुए बलूचिस्तानियों के प्रतिनिधि, बलूचिस्तान विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष वहीद बलूच कहते हैं कि पाकिस्तान की सत्ता गत 75 साल से बलूचिस्तान में अत्याचार करती आ रही है। समय आ गया है कि दुनिया को यह कड़वी सचाई मालूम चले।
वहीद कहते हैं कि यह विरोध प्रदर्शन बलूचिस्तान पर हुए जुल्मों के विरोध में है। पाकिस्तान ने 75 साल से बलूचिस्तान पर जबरन कब्जा किया हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान में आगामी आम चुनाव से भी उन्हें कोई उम्मीद इसलिए नहीं है क्योंकि उस देश में चुनाव कभी भी स्वतंत्र व निष्पक्ष हुए ही नहीं। इसलिए इनसे बलूचिस्तान को कोई लाभ होगा, या बलूचिस्तान के प्रति इस्लामाबाद की सोच बदलेगी, इसकी कोई उम्मीद किसी बलूच को नहीं है। चुनावों में उम्मीदवारों को बस दोबारा चुन लिया जाता है इसलिए ये चुनाव संविधान और लोकतंत्र विरोधी कहे जा सकते हैं।
बलूच नेता पाकिस्तान के उस आरोप को सिरे से खारिज करते हैं कि बलूचियों को भारत सरकार की तरफ से कोई मदद मिलती है। वे कहते हैं कि पाकिस्तान पहले भी झूठ बोलता रहा है और अब फिर झूठ ही बोल रहा है। पाकिस्तान ने कभी अपने इस आरोप को साबित करने वाला कोई सबूत सामने नहीं रखा। यह झूठ है। बलूच नेता का कहना है कि भारत यदि बलूचिस्तान को मदद ही दे रहा होता तो क्या बलूचिस्तान इतना कमजोर होता! पाकिस्तान ऐसा सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए रणनीति के तहत कहता है।
इस संबंध में सिंधी फाउंडेशन से जुड़े सूफी लघारी का कहना है कि पाकिस्तान की असफलता के पीछे सबसे बड़ी वजह यही है कि वह हमेशा से भारत को दोष देता आ रहा है। कोई बताए कि बलूचिस्तान में हजारों लोग अगवा किए जा चुके हैं, क्या इसमें भारत भारत का हाथ है? यह सब बेकार की बातें हैं जिनका वे हथियार के तौर पर इस्तेमाल करते आ रहे हैं। यह तो बस आरोप लगाने की चाल है। अमेरिका के वाशिंगटन में हुए इस विरोध प्रदर्शन में शामिल एक युवा बलूच प्रदर्शनकारी सम्मी बलूच का कहना था कि बलूच लोगों पर अत्याचार हो रहे हैं, वहां खुलेआम मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।
प्रदर्शनकारियों में छोटे बच्चे लिए अनेक पीड़ित परिवार शामिल थे। सबके चेहरे पर आक्रोश और अवसाद साफ देखा जा सकता था। उन्हें उम्मीद थी कि जल्दी ही पाकिस्तान की धूर्तता का अंत होगा और वे आजादी की सांस ले पाएंगे।
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