भारत को लेकर मालदीव के बीच तनाव और उसके बाद लक्षद्वीप से जुड़े घटनाक्रम के बीच इस्राएल ने एक ऐसा कदम उठाया है जिसने बेशक मालदीव को पसीने छुड़ा दिए हैं। इस्राएल ने लक्ष्द्वीप को न सिर्फ एक खूबसूरत स्थान बताया है बल्कि जल्दी ही वहां खारे पानी को मीठा बनाने का प्लांट लगाने की घोषणा भी की है।
चीन के कथित इशारों पर चलने को तैयार मालदीव सरकार और उसके मंत्रियों की भारत विरोधी सोच का आज सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया के अनेक देशों में विरोध देखने में आया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद, मालदीव के मुकाबले लक्षद्वीप को पर्यटन के प्रमुख केन्द्र के रूप में विकसित करने के पक्ष में भारत की नामचीन विभूतियां सामने आई हैं।
मोदी सरकार तो लक्षद्वीप को पहले से ही विकास की मुख्य धारा में शामिल करने की योजनाएं बनाए हुए थी। इसका खुलासा करते हुए इस्राएली दूतावास ने कल एक विशेष वक्तव्य जारी करते हुए वहां समुद्री पानी को साफ करके पीने योग्य बनाने की योजना पर फौरन काम शुरू करने का वादा किया है।
मालदीव की भारत को हल्के में लेने की सोच का करारा जवाब देने वाला इस्राएल का यह वक्तव्य ऐसे समय में आया है जब मालदीव के तीन मंत्रियों द्वारा प्रधानमंत्री मोदी के प्रति अपमानजनक टिप्पणियों का भारत सहित दुनिया के अनेक देशों में विरोध हो रहा है। इस तीखी प्रतिक्रिया को देखते हुए हालांकि मालदीव सरकार ने खुद को मंत्रियों की उस हरकत से खुद को अलग कर लिया और उनके ट्वीट भी हटा दिए गए।
उल्लेखनीय है कि मालदीव में युवा सशक्तिकरण, सूचना एवं कला उपमंत्री मरियम शिउना ने मोदी के लक्षद्वीप जाने को लेकर अभद्र टिप्पणी की थी तथा ‘इजरायल की कठपुतली’ तक कहा था। मरियम की इस अभद्र सोच को भारत के लोगों ने जबरदस्त विरोध किया। इसके बाद मरियम पर मालदीव सरकार ने भी दबाव डाला और उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। भारत ने कड़ा विरोध दर्ज कराया जिसके बाद मालदीव सरकार ने मरियम को पद से निलंबित किया।
लेकिन इस विवाद पर इस्राएल ने फौरन हरकत की और भारत के साथ खड़ा हुआ। इस्राएल ने घोषणा कर दी कि लक्षद्वीप में वह फौरन ही खारे पानी को मीठा बनाने की परियोजना पर काम शुरू करने के लिए तैयार है।
नई दिल्ली स्थित इस्राएल दूतावास ने ट्वीट किया, जिसमें लिखा कि ‘केंद्र की मोदी सरकार के अनुरोध पर हम गत वर्ष लक्षद्वीप गए थे। हम वहां समुद्र के खारे पानी को पीने लायक बनाने की परियोजना के सिलसिले में गए थे। इस्राएल इस परियोजना पर कल से ही काम शुरू करने को तैयार है। वे जो लक्षद्वीप में समुद्र के भीतर की खूबसूरती से परिचित नहीं हैं, उनके लिए पेश हैं वहां की कुछ शानदार तस्वीरें।’
इतना ही नहीं, इस्राएली दूतावास के प्रवक्ता ने भी एक ट्वीट किया और कहा कि उनकी इच्छा है कि वे लक्षद्वीप में छुट्टियां बिताएं। चारों तरफ से समुद्र से घिरे लक्षद्वीप की नैसर्गिक सुंदरता देखते ही बनती है। लेकिन वहां मीठे पानी की दिक्कत को देखते हुए मोदी सरकार काफी समय पहले से खारे पानी को पेयजल बनाने की एक बड़ी परियोजना पर काम कर रही है। इस्राएल उसमें पूरा सहयोग कर रहा है।
मोदी जब इस्राएल दौरे पर थे तब उन्होंने इस्राएल की खारे पानी को मीठा बनाने की विशेषज्ञता का अध्ययन किया था और ऐसा ही काम लक्षद्वीप में करने का मन बनाया था। सरकार चाहती है कि मालदीव से कहीं खूबसूरत समुदतटों वाले लक्षद्वीप में भी पर्यटन बढ़े, इस दृष्टि से इस्राएल का सहयोग बहुत महत्वपूर्ण है।
मोदी जब इस्राएल दौरे पर थे तब उन्होंने इस्राएल की खारे पानी को मीठा बनाने की विशेषज्ञता का अध्ययन किया था और ऐसा ही काम लक्षद्वीप में करने का मन बनाया था। सरकार चाहती है कि मालदीव से कहीं खूबसूरत समुदतटों वाले लक्षद्वीप में भी पर्यटन बढ़े, इस दृष्टि से इस्राएल का सहयोग बहुत महत्वपूर्ण है।
मोदी पर गलत टिप्पणी करके और चीन के इशारों पर चलने का मन बनाने वाली मालदीव सरकार अपने तीन मंत्रियों की दूषित सोच की वजह से जगहंसाई की पात्र बन चुकी है। हालांकि मालदीव सरकार ने 7 जनवरी को ही उन तीन मंत्रियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे को लेकर नकारात्मक टिप्पणी करने के चलते पद से हटा दिया था। इन मंत्रियों-मरियम शिउना, मालशा और हसन जिहान-के वक्तव्यों से भी मालदीव सरकार ने खुद को अलग कर लिया है।
प्रधानमंत्री मोदी के लक्षद्वीप दौरे को लेकर भारतवासियों में उस खूबसूरत जगह के प्रति बढ़ती रुचि मालदीव की अर्थव्यवस्था को तगड़ी चोट पहुंचाने को तैयार है। हजारों लोग मालदीव की अपनी यात्रा निरस्त करके लक्षद्वीप जाने का मन बना चुके हैं।
इस बीच मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू कल 5 दिन की चीन यात्रा पर पहुंचे हैं। वहां वे राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ आपसी संबंधों पर बात करेंगे। कई समझौतों पर हस्ताक्षर भी होने हैं। मुइज्जू चीन परस्त माने जाते हैं इसलिए अनेक विशेषज्ञों की राय है कि चीन से वे भारत विरोध का पाठ पढ़कर लौटेंगे।
लेकिन अब मालदीव सरकार भारत की ताकत से परिचित हो गई होगी। प्रधानमंत्री मोदी के लक्षद्वीप दौरे को लेकर भारतवासियों में उस खूबसूरत जगह के प्रति बढ़ती रुचि मालदीव की अर्थव्यवस्था को तगड़ी चोट पहुंचाने को तैयार है। हजारों लोग मालदीव की अपनी यात्रा निरस्त करके लक्षद्वीप जाने का मन बना चुके हैं। मालदीव के लिए विमानों और होटलों की बुकिंग वापस ली जा रही हैं। मालदीव की अर्थव्यवस्था में पर्यटन एक प्रमुख आयाम है और भारत के पर्यटक उसमें एक तिहाई योगदान करते आ रहे थे। लेकिन अब मोदी विरोधी सोच जाहिर करके मालदीव उस आय से हाथ धो बैठेगा, इसमें कोई संदेह नहीं है।
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