चीन में राजनीतिक-सामाजिक स्तर कुछ बहुत बड़ा घट रहा है, लेकिन कम्युनिस्ट सरकार की सख्ती के चलते वह दुनिया के सामने छन-छनकर ही आ पा रहा है। जहां चीन में सेना भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी है, रक्षा मंत्री से लेकर वरिष्ठ अनेक अधिकारियों तक को हटाना पड़ा है, वहीं समाज के स्तर पर भी चीन एक बड़ी दुविधा का सामना कर रहा है। वहां नई पीढ़ी में देशभक्ति का स्तर घटता जा रहा है। इसे देखते हुए राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सरकार को एक नया ‘देशभक्ति कानून’ तक बनाना पड़ा है। इस कानून को बच्चों के स्कूली सिलेबस में जोड़कर पढ़ाने की भी योजना बनाई गई है।
इसमें संदेह नहीं है कि चीन की सरकार में असमंजसता की स्थिति है इसी वजह से एक के बाद एक अजीबोगरीब फैसले लिए जा रहे हैं। इस वजह से राष्ट्रपति शी जिनपिंग के माथे पर बल पड़ना स्वाभाविक ही है। जैसा पहले बताया, विस्तारवादी कॅम्युनिस्ट सत्ता तले चीन नित नई चुनौतियों का सामना कर रहा है। रोजगार की हालत गंभीर है। इसे लेकर युवाओं में आक्रोश है, वे सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं।
साथ ही, आर्थिक मोर्चे पर भी सुस्ती छाई हुई है। कारोबारी वहां से अपना कारोबार समेट कर दूसरे देशों में इकाइयां स्थापित कर रहे हैं। इतना ही नहीं, अमेरिका के अलावा, ताइवान को लेकर भी चीन की बेचैनी बढ़ती दिख रही है। ताइवान में होने जा रहे आम चुनाव को लेकर जिनपिंग सरकार पसोपेश में है।
चीन की सरकार में असमंजसता की स्थिति है इसी वजह से एक के बाद एक अजीबोगरीब फैसले लिए जा रहे हैं। इस वजह से राष्ट्रपति शी जिनपिंग के माथे पर बल पड़ना स्वाभाविक ही है। जैसा पहले बताया, विस्तारवादी कॅम्युनिस्ट सत्ता तले चीन नित नई चुनौतियों का सामना कर रहा है। रोजगार की हालत गंभीर है। इसे लेकर युवाओं में आक्रोश है, वे सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं।
अब नई मुसीबत बनी है चीन के लोगों में देशभक्ति की भावना में गिरावट। चीन की सरकार इस बात को स्वीकार कर रही है कि चीन में देशभक्ति की भावना को उतना मोल नहीं दिया जा रहा है। लोगों में देशभक्ति घट रही है। तो क्या किया जाए? इस सवाल के समाधान के लिए देशभक्ति शिक्षा कानून तैयार किया गया है। जहां तक संभावना है, यह नया कानून एक सप्ताह के अंदर लागू कर दिया जाएगा।
इस कानून से क्या होगा? सरकार ने बताया है कि इस नए ‘देशभक्ति कानून’ से देश में एकता का भाव गहराएगा। कानून कहता है कि छोटे स्कूली बच्चों से लेकर मजदूरों और प्रोफेशनल कामगारों सहित सभी क्षेत्रों में कार्यरत चीनी नागरिकों को अपने अंदर देशभक्ति की भावना जगानी होगी। नागरिकों को सत्ता पर काबिज चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति अपनी वफादारी दिखानी जरूरी है। इसलिए तय किया गया है कि स्कूली सिलेबस में नया देशभक्ति कानून जोड़कर इसकी क्लास लगाई जाए। सरकार की ओर से एक अधिकारी का कहना है कि इस ‘नए कानून को लागू करके नागरिकों के चीन के प्रति विचारों को एकजुट किया जाएगा जिससे देश मजबूत बनेगा।’
अजीब बात है कि चीन में देशभक्ति भी अब पढ़ाकर जगाई जाने की नौबत आ चुकी है! कम्युनिस्ट शासन इतना औपचारिक और स्वार्थ-केन्द्रित हो गया है कि लोगों को झकझोर कर देशभक्त बना लेने की सोच रहा है!
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