'हिजाब न पहनने वाली महिलाएं होती हैं आवारा' कहने वाले मौलाना उमर पर 3 महीने बाद FIR दर्ज, जुहारा की जीत और कुछ सवाल
May 8, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

‘हिजाब न पहनने वाली महिलाएं होती हैं आवारा’ कहने वाले मौलाना उमर पर 3 महीने बाद FIR दर्ज, जुहारा की जीत और कुछ सवाल

लेखिका जुहारा ने मुक्कम उमर फैजी के महिला विरोधी बयान के खिलाफ हिजाब उतारकर विरोध भी जताया था

by सोनाली मिश्रा
Jan 8, 2024, 11:33 am IST
in भारत, केरल
मौलाना उमर फैजी और लेखिका वीपी जुहारा

मौलाना उमर फैजी और लेखिका वीपी जुहारा

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

‘हिजाब न पहनने वाली महिलाओं का किरदार खराब होता है/ वे आवारा होती हैं’, कहने वाले मुस्लिम नेता के खिलाफ केरल में तीन महीने बाद मुकदमा दर्ज किया गया है। यह मुकदमा लेखिका एवं एक्टिविस्ट वीपी जुहारा की शिकायत पर दर्ज हुआ है। उन्होंने अक्टूबर में पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई थी और उन्होंने मौलाना तथा समस्थ केरल जेम-इय्युतल उलामा के नेता मुक्कम उमर फैजी के इस महिला विरोधी बयान के खिलाफ हिजाब उतारकर विरोध भी जताया था।

दरअसल यह सारा मामला शुरू हुआ केरल के एक वामपंथी नेता के अनिल कुमार के एक बयान के बाद। सीपीएम के नेता के अनिल कुमार ने एक नास्तिक संगठन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में अक्टूबर में यह कहा था कि मुस्लिम महिलाओं ने मुस्लिम बहुल मलप्पुरम जिले में मार्क्सवादी पार्टी के प्रभाव के चलते ही हिजाब पहनना छोड़ दिया है। इस घटना के बाद जहां कट्टरपंथी नेता जैसे समस्थ के अब्दुस्समद पूककोट्टूर, मुस्लिम लीग के नेता एम शाजी और केपीए मजीद तथा मार्क्सवादी पार्टी नेतृत्व के कट्टर आलोचक शाजी, के अनिल कुमार के बहाने पार्टी के नेतृत्व के खिलाफ बयान देने लगे थे। अक्टूबर में इस बयान पर इतना विरोध मचा था कि महिलाओं के लिए आजादी की बात करने वाली सीपीएम बैकफुट पर आई थी और उसे यह कहना पड़ा था कि यह अनिल कुमार का निजी बयान है। परन्तु मुक्कम उमर फैजी ने एक टीवी कार्यक्रम में इस बयान के विरोध में जो कहा था वह बेहद शर्मनाक था। उमर फैजी ने मुस्लिम महिलाओं पर उंगली उठाई थी। यह कहा था कि “मुस्लिम महिलाओं को पर्दा करना चाहिए, उन्हें अपना शरीर दूसरे आदमियों को नहीं दिखाना चाहिए। दूसरे आदमियों के सामने आवारा जीवन जीना कोई प्रगतिशीलता नहीं है और मुस्लिम महिलाओं को ऐसे आवारापन/लम्पटई से बचना चाहिए। आप हमें पुराने ख्यालों का कह सकते हैं, मगर हमें इसी पर टिकना है!”

इस बयान को लेकर एक्टिविस्ट एवं लेखिका वीपी जुहारा ने 8 अक्टूबर 2023 को, जो खुद एक प्रगतिशील मुस्लिम महिला आन्दोलन एनआईएसए की संस्थापिका हैं, ने विरोध दर्ज कराया था। कुदुम्बश्री के “थिरिके स्कूली अर्थात स्कूल की ओर वापस” आयोजन में बोलते हुए फैजी की टिप्पणी पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि यह महिला की अपनी पसंद है कि वह पर्दा करे या न करे। उन्होंने यह भी कहा था कि वह बचपन से ही हिजाब पहनकर बड़ी हुई हैं और वह उनके जीवन का हिस्सा बन गया था। वह इसे इसलिए पहनती थीं क्योंकि वह उनकी आदत में शुमार था, न कि वह मुस्लिम होने के नाते इसे पहनती हैं। फैजी के बयान का विरोध करते हुए उन्होंने अपने सिर से साड़ी का पल्लू हटा दिया था। मगर इसके बाद उन्हें आयोजन में ही विरोध का सामना करना पड़ा था। स्कूल के पेरेंट टीचर एसोसिएशन के कुछ सदस्यों ने उनके खिलाफ नारे लगाए तो वह आयोजन स्थल से चली गयी थीं। बाद में वह पुलिस स्टेशन गयी थीं। उन्होंने फैजी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि पुलिस ने अक्टूबर ने शिकायत दर्ज कर ली थी, मगर यह भी कहा था कि वह कानूनी सलाह के बाद ही कोई कदम उठाएंगे। अब पूरे तीन महीने बाद नदाक्कवु पुलिस ने उमर फैजी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। जुहारा ने कहा कि यह मुस्लिम महिलाओं की जीत है और उन्होंने यह भी कहा कि मुस्लिम महिलाओं का अपना एक स्वाभिमान होता है और किसी को भी ऐसे बयान देने का साहस नहीं होना चाहिए।

हालाँकि उनकी शिकायत पर तीन महीने बाद मुकदमा दर्ज हो गया है, परन्तु अब सबसे बड़ा प्रश्न उठता है कि जुहारा जिस प्रगतिशीलता के लिए लड़ रही हैं, क्या उनकी इस लड़ाई में स्वघोषित प्रगतिशील लोग उनके साथ हैं? दुर्भाग्य से भारत में प्रगतिशीलों की परिभाषा में वह लोग आते हैं जो कर्नाटक में कुछ कट्टर मुस्लिम लड़कियों के हिजाब पहनकर स्कूल जाने की मांग को और उस मांग को लेकर उठाए गए क़दमों को वस्त्र पहनने का अधिकार और उनकी अस्मिता का अधिकार बताते हैं, परन्तु जब जुहारा जैसी महिलाएं उमर फैजी जैसे पुरुषों का विरोध करते हुए मजहबी कट्टरता के विरोध का सामना करती हैं, तो उस मामले पर उनका मुंह सिल जाता है।

भारत में दुर्भाग्य से प्रगतिशील लेखक एवं कम्युनिस्ट फेमिनिस्ट लेखिकाएं कर्नाटक में उन मुस्लिम लड़कियों के पक्ष में आकर जो स्कूल तक में हिजाब और बुर्का पहनकर आना चाहती हैं, लाखों मुस्लिम लड़कियों को कट्टरता के अंधेरे में धकेलने में अपना योगदान जरूर देती हैं, मगर वह अपने ही लेखक समुदाय की जुहारा के पक्ष में एक भी शब्द नहीं लिखती हैं। जुहारा की यह लड़ाई ईरान और अफगानिस्तान की उन लाखों महिलाओं द्वारा लड़ी जा रही उसी लड़ाई का एक हिस्सा है, जो मजहबी कट्टरता के खिलाफ है, जो महिलाओं को परदे में रखकर उनकी सोच संकुचित करने के खिलाफ है और दुर्भाग्य से कम्युनिस्ट फेमिनिस्ट संकुचित सोच के तो साथ हैं, परन्तु जुहारा जैसी महिलाओं के साथ नहीं! और यह भी हो सकता है कि उन्होंने जुहारा का नाम भी पहले न सुना हो!

Topics: मौलाना उमर फैजीवीपी जुहाराउलामाहिजाबकेरलप्रगतिशील लेखक
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Iran hijab protest women raised slogan dictator death

ईरान नया हिजाब कानून लागू करने की तैयारी में, कही ये बात

केरल में आतंकी संगठन हमास और मुस्लिम ब्रदरहुड के नेताओं की तस्वीर लहराई गई

वक्फ कानून: विरोध प्रदर्शनों में फिलिस्तीन, मुस्लिम ब्रदरहुड और हमास का क्या काम? 

Hijab Sadia Saudi arab School fire incident

जोधपुर में हिजाब लेने गई सादिया की मौत, ताजा हुई सऊदी अरब की घटना, ऐसी घटनाओं का जिम्मेदार कौन?

NIA

NIA ने PFI के गढ़ से RSS स्वयंसेवक श्रीनिवासन के हत्यारोपी को पकड़ा, 7 लाख का इनामी था शमनाद

Eifell tower Merrachi

डच मुस्लिम फैशन ब्रांड मेराकी ने अपने विज्ञापन में पहनाया एफिल टावर को हिजाब: लोग भड़के

Iran hijab protest women raised slogan dictator death

ईरान में गहराता इस्लामी कट्टरपंथ: महिलाओं के लिए हिजाब अनिवार्यता के लिए नजर ऐप, ड्रोन का हो रहा इस्तेमाल

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

राफेल पर मजाक उड़ाना पड़ा भारी : सेना का मजाक उड़ाने पर कांग्रेस नेता अजय राय FIR

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

‘आतंकी जनाजों में लहराते झंडे सब कुछ कह जाते हैं’ : पाकिस्तान फिर बेनकाब, भारत ने सबूत सहित बताया आतंकी गठजोड़ का सच

पाकिस्तान पर भारत की डिजिटल स्ट्राइक : ओटीटी पर पाकिस्तानी फिल्में और वेब सीरीज बैन, नहीं दिखेगा आतंकी देश का कंटेंट

Brahmos Airospace Indian navy

अब लखनऊ ने निकलेगी ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल : 300 करोड़ की लागत से बनी यूनिट तैयार, सैन्य ताकत के लिए 11 मई अहम दिन

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान की आतंकी साजिशें : कश्मीर से काबुल, मॉस्को से लंदन और उससे भी आगे तक

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies