अमेरिका से सामने आई एक खुफिया रिपोर्ट ने रक्षा विशेषज्ञों में चीन की सेना, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को लेकर एक चर्चा छेड़ दी है। इस रिपोर्ट ने चीन की युद्ध सामर्थ्य को लेकर भी गंभीर शंका खड़ी की है। इतना ही नहीं, रिपोर्ट बताती है कि चीन की मिसाइलें किसी काम की नहीं हैं और सेना भ्रष्टाचार में डूबी है।
पिछले साल राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शायद इन्हीं सब बातों को देखते हुए, रक्षा मंत्री सहित विभाग के अनेक बड़े अधिकारियों की बड़े पैमाने छुट्टी की थी। जिनपिंग ने सेना में आ रही इस गिरावट को दूर करने के लिए जोश जगाने के कई संदेश भी दिए थे, लेकिन उनका कुछ खास असर देखने में नहीं आया है।
अमेरिकी रिपोर्ट बताती है कि चीनी सेना के अधिकारी भ्रष्टाचार में डूबे पाए गए थे। चीनी सेना में भ्रष्टाचार इस हद तक है कि उनके रॉकेट में ईंधन नहीं है बल्कि उसके स्थान पर पानी भर दिया गया है। यानी अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट का दावा है कि चीन के मिसाइलों में पानी भरा है।
चीन की सेना में भ्रष्टाचार में सबसे ज्यादा तेजी 2023 में देखने में आई। दुनिया की सबसे बड़ी सेना मानी जाने वाली पीएलए इस भ्रष्टाचार में ऐसी डूबी है कि उसका मनोबल टूटता जा रहा है। संभवत: चीन की सेना के बड़े बड़े अधिकारी देखते देखते आंखों से गायब होते देखे गए। उन्हें हटाने या उनका तबादला करने के पीछे कोई स्पष्ट कारण न बताए जाने से भी सैनिकों में असमंजसता की स्थिति है।
चीन की पीएलए में संशय उस वक्त भी चरम पर दिखा था जब वहां पिछले साल रक्षा मंत्री तक को गुपचुप हटा दिया गया। लेकिन अब एक खुलासा हुआ है जिससे पता चला है कि चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग के उस कदम के पीछे क्या वजह थी। और वह वजह मोटे तौर पर सेना में बड़े पैमाने पर व्याप्त भ्रष्टाचार ही है। हालत यहां तक खराब है कि सेना के आधुनिकीकरण और युद्ध के लिए तैयार रहने के जिनपिंग के कई आह्वान भी अब बेअसर होते नजर आ रहे हैं।
इन सब बातों से साफ है कि फिलहाल चीन की युद्ध लड़ने की क्षमता सवालों के घेरे में है। सेना की ‘रॉकेट फोर्स’ में तो यह भ्रष्टाचार नीचे तक दिखाई दिया है। ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि अगले कुछ वर्षों में चीन की ओर से किसी बड़ी सैन्य कार्रवाई की अपेक्षा नहीं की जा सकती है।
पीएलए में भ्रष्टाचार के चलतते मनोबल की जबरदस्त कमी है। शी जिनपिंग ऐसे में सेना का आधुनिकीकरण कैसे कर पाएंगे, इस पर धुंधलका छाया हुआ है। जबरदस्त भ्रष्टाचार के संदर्भ हुईं अनेक जांचों में एक दर्जन से ज्यादा बड़े अधिकारियों का नाम सामने आया था। संभव है, आने वाले समय में सेना में फिर कोई बड़ी कार्रवाई की जाए।
इस संबंध में ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट भी गौर करने योग्य है। इसके अनुसार, अमेरिका से आई इस खुफिया रिपोर्ट में चीन की सेना, पीएलए में किस कदर भ्रष्टाचार फैला है उसके कई उदाहरण सामने रखे गए हैं। जैसे, चीन की मिसाइलों में ईंधन नहोकर, पानी भरा होना। रिपोर्ट में पश्चिमी चीन में मिसाइल रखने के उन साइलो को लेकर भी टिप्पणी की गई है जो पश्चिमी चीन में कई सुरक्षा से घिरे हैं। कहा गया है कि ये केन्द्र काम करने के मामले में इतने लचर हो चुके हैं कि उनसे यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि वे प्रभावी तरीके से मिसाइलों को दाग सकते हैं।
अगर इस रिपोर्ट को तथ्यात्मक मानें तो साफ है कि पीएलए में भ्रष्टाचार के चलतते मनोबल की जबरदस्त कमी है। शी जिनपिंग ऐसे में सेना का आधुनिकीकरण कैसे कर पाएंगे, इस पर धुंधलका छाया हुआ है। जबरदस्त भ्रष्टाचार के संदर्भ हुईं अनेक जांचों में एक दर्जन से ज्यादा बड़े अधिकारियों का नाम सामने आया था। संभव है, आने वाले समय में सेना में फिर कोई बड़ी कार्रवाई की जाए।
सवाल है कि इन परिस्थितियों में क्या यह माना जाए कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पकड़ कम्युनिस्ट पार्टी पर कमजोर पड़ी है? इय अमेरिकी रिपोर्ट कहती है कि, जिनपिंग सेना से भ्रष्टाचार को दूर करके उसे युद्ध के लिए सन्नद्ध कर सकते हैं, लेकिन उसमें अभी समय लग सकता है।
इस खुफिया रिपोर्ट पर फिलहाल पेंटागन या राष्ट्रपति कार्यालय ने कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है। चीन के ताइवान को लेकर आक्रामक पैतरों को देखते हुए, सेना की रॉकेट फोर्स खास मायने रखती है, इसलिए जिनपिंग के सामने उसे पटरी पर लाने की एक बड़ी चुनौती है। यही विभाग है जो चीनी मिसाइलों के रखरखाव और उन्हें दागने का दायित्व संभाले हुए है। लेकिन इसी पर सवालिया निशान लग गए हैं।
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