महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने हाजी मलंग को लेकर एक बयान दिया। हिंदू संगठनों ने हाजी मलंग दरगाह के मंदिर होने का दावा किया। वहीं अब सीएम शिंदे ने कहा है कि वह जल्द ही इसे मुक्त कराएंगे। यह स्थान समुद्र तल से 3000 फीट ऊपर माथेरान की पहाड़ियों पर मलंगगढ़ किले के पास स्थित है। बता दें कि 1980 के दशक के मध्य में, स्थानीय शिवसेना नेता आनंद दिघे ने इस स्थान को नाथ पंथ से संबंधित एक प्राचीन हिंदू मंदिर बताकर दरगाह का विरोध शुरू किया था।
क्या बोले सीएम शिंदे
दरअसल सीएम शिंदे ठाणे जिले में चल रहे ‘मलंगगढ़ हरिनाम महोत्सव’ को संबोधित करने के दौरान कहा, ‘मलंगगढ़ के प्रति आपकी भावनाएं मुझे भली-भांति ज्ञात हैं। यह आनंद दिघे ही थे जिन्होंने मलंगगढ़ के मुक्ति आंदोलन की शुरुआत की, जिससे हमने ‘जय मलंग श्री मलंग’ का जाप शुरू किया। हालांकि, मुझे आपको बताना होगा कि कुछ ऐसे मामले होते हैं जिनकी सार्वजनिक चर्चा नहीं की जाती। मैं मलंगगढ़ की मुक्ति के बारे में आपकी गहरी धारणाओं से अवगत हूं। मैं यह बता दूं कि एकनाथ शिंदे तब तक चुप नहीं बैठेगा, जब तक वह आपकी इच्छाएं पूरी नहीं कर देता’।
जानिए क्या है पूरा मामला
1980 के दशक के मध्य में इस मामले को लेकर सांप्रदायिक संघर्ष सामने आया। शिवसेना नेता आनंद दिघे ने यह दावा करते हुए एक आंदोलन शुरू किया कि यह 700 साल पुराने मछिंद्रनाथ मंदिर का स्थान है। यह दरगाह नहीं बल्कि हिंदुओं का मंदिर है। वर्ष 1996 में, वह 20,000 शिवसैनिकों के साथ दरगाह पर पूजा करने के लिए निकले।
उस वर्ष तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर जोशी के साथ-साथ शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे भी पूजा में शामिल हुए थे। तब से शिवसेना और दक्षिणपंथी समूह इस संरचना को ‘श्री मलंगगढ़’ के नाम से संबोधित करते हैं।
हालांकि यह संरचना अब भी एक दरगाह है, हिंदू भी पूर्णिमा के दिन इसके परिसर में जाते हैं और आरती करते हैं। एकनाथ शिंदे ने फरवरी 2023 में इस दरगाह का दौरा किया था। उन्होंने आरती की थी और दरगाह के अंदर भगवा चादर चढ़ाई थी।
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