चित्रकूट धाम। प्रभु श्रीराम ने वनवास काल के दौरान देवी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ चित्रकूट में करीब 12 साल समय बिताया था। चित्रकूट में ऐसे कई स्थान हैं, जिनका उल्लेख रामायण से लेकर श्री रामचरितमानस में भी मिलता है। इन्हीं में एक सथान है भरतकूप। इस कुएं के पानी से स्नान करने से समस्त तीर्थों का लाभ मिलता है। कहते हैं कि इसका पानी गंगा जल की तरह पवित्र है और इस कुएं में संसार के सभी तीर्थों का पानी है।
चित्रकूट के राम घाट से करीब 19 किलोमीटर की दूरी पर भरतकूप नामक स्थान है, वहां एक रामायण काल का कुआं है। इसी कुएं के कारण इस जगह का नाम भरतकूप पड़ा है। यह कुआं लोगों की आस्था का केंद्र है, बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस कुएं के पानी में स्नान करने आते हैं और इसका जल भरकर अपने साथ ले जाते हैं। श्रद्धालुओं का दावा है कि इस कुएं के पानी से स्नान करने से चर्म रोग दूर हो जाता है।
भरतकूप के पुजारी अरुण कुमार मिश्रा ने बताया कि जब प्रभु श्रीराम का राज्याभिषेक करने के लिए उनके भाई भरत चित्रकूट आए थे। उस दौरान वो अपने साथ संसार के समस्त तीर्थों का जल और राज्याभिषेक की सामग्री भी लेकर आए थे, लेकिन प्रभु राम ने राज्याभिषेक कराने से मना कर दिया तो अत्रि मुनि के कहने पर भरत जी समस्त तीर्थों का जल और राज्याभिषेक की सामग्री इस कुएं में डाल दिया था। उस समय यह गड्ढे के रूप में था, जिसे भरत जी ने कुएं का स्वरूप दिया था। तब से यह भरत कूप कहलाने लगा है।
इस कुएं में चार घाट हैं, चारों घाटों से अगर आप पानी निकालेंगे तो सभी के पानी के स्वाद में आपको अंतर मिलेगा। इस कुएं का पानी गंगा जल की तरफ कभी खराब नहीं होता है। इसके पास ही चारों भाइयों का मंदिर है, जिसमें भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण, भरत व शत्रुघन की मूर्तियां विराजमान है। यह मंदिर भी काफी प्राचीन माना जाता है। इस स्थान को लेकर लोगों में आज भी बड़ी आस्था है।
इस कुएं के पास में एक प्राचीन मंदिर है, जिसमें भरत और माडवी जी की प्रतिमा स्थापित है। यहां के पुजारी का दावा है कि भरत और माडवी जी का यह एकलौता मंदिर है। इस मंदिर को लेकर लोगों में बड़ी आस्था है।
कैसे पहुंचें चित्रकूट
चित्रकूट पहुंचने के लिए सतना सबसे निकटतम शहर है। वहां से टैक्सी से भी पहुंचा जा सकता है। अगर ट्रेन से जाना है तो चित्रकूटधाम कर्वी रेलवे स्टेशन सबसे पास है। वहां से आप राम घाट, भरत मिलाप, भरत कूप जैसे चित्रकूट के समस्त तीर्थ स्थल आप जा सकते हैं।
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