देश स्वाधीनता का अमृत महोत्सव मना रहा है. लेकिन विडंबना देखिये कि आज भी कुछ क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति नहीं हो पाई और यहां लोग अँधेरे में रहने को मजबूर होते रहे. कुछ स्थानों पर बिजली के नाम खंभे तो लग गए, पर बिजली का तार सिर्फ सरकारी कागजों में ही रहा. वर्ष 2014 में सत्ता परिवर्तन के साथ केंद्र सरकार ने हर घर बिजली पहुँचाने का निर्णय किया. सौभाग्य योजना के तहत देश के दूर दराज के इलाकों तक बिजली पहुंची. पर, जम्मू कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे कुछ क्षेत्र आज भी अँधेरे में रहने के लिए मजबूर थे. अनुच्छेद 370 के कारण केंद्र की बड़ी योजनाएँ जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होती थी.
अब जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त होने के बाद अनेक तरह के विकास कार्य तेज गति से हो रहे हैं. इसी कड़ी में जम्मू कश्मीर के LOC से सटे केरन सेक्टर के दो गावों में अब अंधेरा छटा है और वहाँ के घरों में बिजली पहुँची है. कुपवाड़ा ज़िले के केरन सेक्टर में कुंडिया और पतरु गाँव में आज़ादी के 75 वर्षों बाद बिजली पहुँची है. LOC से सटे इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों ने पहली बार बिजली का अनुभव किया.
कश्मीर संभाग के मंडलायुक्त वीके भिदूरी ने 250-KV के दो सब स्टेशनों का उद्घाटन किया है. बिजली पहुँचने से वहाँ के लोगों में एक अलग प्रकार की ख़ुशी है. इस ऐतिहासिक कदम के लिए जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा व देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया. प्रशासन के अथक प्रयासों से इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए ग्रिड कनेक्टिविटी पहुँचाई गई है.
बिजली कनेक्शन का काम महज़ 2 महीने में पूरा किया गया है. इस काम को कश्मीर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड यानि KPDCL द्वारा किया गया है. गौरतलब है कि LoC पर सुरक्षा की दृष्टि से दूर दराज के क्षेत्र बिजली की सुविधा से वंचित थे. अब जब स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है तो सरकार ने इन गावों तक भी बिजली पहुँचाने का काम किया है. बिजली के आने से यहाँ के लोगों में बच्चों और बुजुर्गों में उत्साह है.
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