गुजरात के तापी जिले से सनातन धर्म में घर वापसी करने का मामला प्रकाश में आया है। जहां ईसाई मिशनरियों द्वारा ईसाई बनाए गए 250 से अधिक वनवासी लोगों ने सनातन धर्म में घर वापसी की। इन सभी की घर वापसी सनातन धर्म के लिए काम करने वाले हिन्दू संगठन ने करवाई। इन सभी लोगों को कभी लालच, देकर और बरगलाकर ईसाई बना दिया गया था।
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इनकी घर वापसी के दौरान बड़े पैमाने पर भजन और कीर्तन आयोजित किया गया। हनुमान चालीसा का भी पाठ इस मौके पर किया गया। इस मौके पर अग्निवीर संगठन ने इन सभी लोगों को कपड़े बांटे। साथ ही कहा कि अब ये परिवार हमारी जिम्मेदारी हैं कि हम इनकी जरूरतों का ख्याल रखें। हम ये भी सुनिश्चित करेंगे कि मिशनरी इनसे दोबारा संपर्क नहीं कर सकें। इसी संगठन के एक सदस्य ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि सनातन धर्म में शामिल होने से पहले ये सभी लोग चर्च जाते थे। कन्वर्जन माफिया ने लोगों का ब्रेनवॉश कर इन्हें बताया था कि यीशु ही असली भगवान हैं। जबकि हिन्दू देवा शैतान हैं।
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उल्लेखनीय है कि ईसाई मिशनरी अक्सर जंगलों और शहरों से दूर रहने वाले हिन्दुओं को टार्गेट करते हैं और उन्हें लालच देकर ईसाई बना देते हैं, लेकिन अब इन हालातों में भी तेजी से परिवर्तन हो रहा है। एक तो सरकार की योजना हर गरीब के घर तक लाभ पहुंचा रही है और दूसरी तरफ किसी कारणवश सनातन धर्म छोड़ कर दूसरे पंथों में गए लोगों को भी अब इस बात का आभास होने लगा है कि सनातन ही एक मात्र धर्म है। इससे लोग अब तेजी से घर वापसी कर रहे हैं।
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