प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में मुख्य यजमान के रूप में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को अयोध्या पहुंचेंगे। प्राण- प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारियां तेज गति से चल रही हैं। खबर है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अयोध्या में पहले हनुमान गढ़ी जाएंगे। उसके बाद श्रीराम के भव्य मंदिर में पहुंचेंगे। ऐसी मान्यता भी है कि किसी भी शुभ कार्य के लिए अयोध्या के राजा हनुमान जी की अनुमति ली जाती है।
भगवान राम 11 हजार वर्ष राज करने के बाद जब जल समाधि के लिए जाने लगे थे तब उनके साथ अयोध्या के लोगों ने भी जल समाधि ले ली थी। जाते समय भगवान राम ने हनुमान जी को अयोध्या का राजपाट सौंप दिया। भगवान राम ने हनुमान जी से कहा कि जब तक इस जग में राम कथा चलती रहेगी तब तक अयोध्या में वास करते हुए पूरी दुनिया में लोगों की रक्षा करिएगा। तब से अयोध्या में हनुमान जी राजा के रूप में विराजमान हैं। यही वजह है जो भी अयोध्या आता है वह राजा के दरबार अर्थात हनुमान जी के यहां दर्शन करने अवश्य जाता है। हनुमान गढ़ी का दृश्य अत्यंत मनोरम है।
हनुमान गढ़ी में हनुमान जी की मूर्ति के पास गदा है और चांदी का मुकुट है। राम लला विराजमान के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास बताते हैं कि “हनुमान जी की पूजा, यहां राजा के रूप में होती है। प्रत्येक मंगलवार और हनुमान जी के जन्म उत्सव पर जब आरती होती है तब उन्हें सोने का मुकुट पहनाया जाता है।” जानकारी के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की शुरुआत 16 जनवरी से शुरू होगी। 22 जनवरी को षोडशोपचार पूजन होगा। 22 जनवरी को 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड के बीच बेहद महत्वपूर्ण मुहूर्त होगा। इस बीच में प्राण-प्रतिष्ठा का पूजन किया जाएगा। गर्भगृह में कुल 40 मिनट तक पूजन होगा।
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