गाजा में हमास के साथ जारी युद्ध के बीच इजरायल ने लेबनान में घुसकर आतंकी संगठन हमास के शीर्ष नेताओं में से एक सालेह अल अरौरी को ढेर कर दिया। सालेह की हत्या दक्षिण बेरूत में एक विस्फोट में की गई। इजरायल के इस एक्शन के बाद लेबनानी मिलिशिया ग्रुप हिजबुल्लाह भड़क गया है। उसने इजरायल से बदला लेने की योजना बनाई है। हिजबुल्लाह ने इजरायल को चेतावनी देते हुए कहा कि उसकी ‘उंगली ट्रिगर’ पर है।
हिजबुल्लाह ने अल अरौरी की हत्या का सीधा आरोप इजरायल पर लगाया है। मंगलवार की रात को अपने टेलीग्राम चैनल पर एक पोस्ट में हिजबुल्लाह ने कहा कि ड्रोन हमले में कुल 6 लोग मारे गए हैं, जिनमें अरौरी और हमास के दो अन्य सीनियर लीडर शामिल थे। हिजबुल्लाह ने इसे लेबनान पर गंभीर हमला बताया है।
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बता दें कि बेरुत में हुए धमाके में मारा गया आतंकी सालेह अल अरौरी हमास की सैन्य शाखा के संस्थापक सदस्यों में से एक था। उसने वेस्ट बैंक में हमास का नेतृत्व भी किया था, जहां उसकी प्रतिद्वंदी फतह का प्रभुत्व है। अल-मनार ने बताया कि इजरायली हमले का निशाना अल अरौरी ही था। इजरायल ने पहले ही उसको मोस्ट वांटेड की लिस्ट में शामिल कर रखा था। लेबनानी मीडिया अल मनार और अल-मायादीन चैनल ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि यह विस्फोट हमास के कार्यालय को निशाना बनाकर किया गया था।
हिजबुल्लाह की धमकी में कितना दम
गौरतलब है कि इजरायल ने हमास के खिलाफ ये ऑपरेशन लेबनान की सीमा के अंदर घुसकर किया है। इजरायल में इसका जश्न भी मनाया जा रहा है। इजरायल के इसी साहस पर हिजबुल्लाह भड़का हुआ है। उल्लेखनीय है कि हिजबुल्लाह शिया आतंकवादियों का एक बहुत बड़ा ग्रुप है। बताया जाता है कि इसमें करीब 1 लाख से अधिक लड़ाके हैं। इनके पास अत्याधुनिक हथियार और मिसाइलें भी हैं। सबसे खास बात ये कि हिजबुल्लाह शिया मिलिशिया ग्रुप है, जिसे ईरान ने इजरायल को काउंटर करने के लिए तैयार किया है।
मिडिल ईस्ट में ईरान इजरायल को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता है। हो भी क्यों न इजरायल चारों तरफ से मुस्लिमों से घिरा इकलौता यहूदी राष्ट्र है। ईरान के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ इजरायल बहुत ही मुखर होकर विरोध करता रहा है। इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू तो संयुक्त राष्ट्र में खुलकर कह चुके हैं कि वो ईरान को एटॉमिक पॉवर कभी नहीं बनने देंगे। लेकिन समझने वाली बात ये है कि ईरान ने बीते कुछ वक्त में अपनी ताकत में बेतहाशा इजाफा कर लिया है। मिडिल ईस्ट में वो इजरायल के लिए बड़ा खतरा है।
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