पत्रकारिता जन सरोकार तथा जन संस्कार से जुड़ी होती है। पाञ्चजन्य तथा आर्गनाइजर इस कसौटी पर पूरी तरह खरे उतरे हैं।
पाञ्चजन्य के प्रथम संपादक और देश के यशस्वी प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर प्रयागराज में पाञ्चजन्य और आर्गनाइजर के पाठकों का एक सम्मेलन आयोजित हुआ। सम्मेलन की अध्यक्षता इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मीडिया अध्ययन केंद्र पाठ्यक्रम के समन्वयक धनंजय चोपड़ा ने की। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता जन सरोकार तथा जन संस्कार से जुड़ी होती है।
पाञ्चजन्य तथा आर्गनाइजर इस कसौटी पर पूरी तरह खरे उतरे हैं। काशी प्रांत के प्रचार प्रमुख तथा सम्मेलन के मुख्य वक्ता डॉ. मुरारजी त्रिपाठी ने कहा कि पाञ्चजन्य तथा आर्गनाइजर ने सामाजिक विमर्श को ठीक दिशा देने का काम किया है।
इन पत्रिकाओं ने लोकमत के निर्माण और परिष्कार में अपनी महती भूमिका निभाई है। सम्मेलन में वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीकांत केसरवानी, गिरजेश त्रिपाठी, विष्णु जायसवाल, सह विभाग कार्यवाह आशीष मोहन, प्रशांत समेत बड़ी संख्या में अधिवक्ता, शिक्षक, प्रोफेसर एवं अन्य लोग उपस्थित थे।
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