महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में भारतीय नौसेना के गुलामी के और प्रतीक को पीछे छोड़ते हुए एडमिरल्स एपॉलेट्स के नए डिज़ाइन का अनावरण पीएम नरेंद्र मोदी ने किया गया। इस मौके पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया कि नया डिज़ाइन नौसेना ध्वज से लिया गया है और छत्रपति शिवाजी महाराज की राजमुद्रा से प्रेरित है, और यह हमारी समृद्ध समुद्री विरासत का सच्चा प्रतिबिंब है।
पीएम मोदी ने ये बातें भारतीय नौसेना दिवस के मौके पर सिंधुदुर्ग में बोल रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि नए डिज़ाइन को अपनाना पंच प्राण के दो स्तंभों, ‘विरासत पर गर्व’ और ‘गुलामी की मानसिकता से मुक्ति’ के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। उन्होंने कहा, “चलो नई मिसाल हो, बढ़ो नया कमाल हो। झुको नहीं, रुको नहीं, बढ़े-बढ़े चलो।” पीएम मोदी ने नौसैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि एपॉलेट्स में भी शिवाजी महाराज का प्रतिबिंब झलकता है। जलमेवयश्य, पलमेवश्च्य। जब लोगों के संकल्प, उनकी भावनाएं जुड़ती हैं, लोगों की आकांक्षाएं जुड़ती हैं तो इतने सकारात्मक परिणाम सामने आते हैं। आज भारत गुलामी की मानसिकता से मुक्ति और अपनी विरासत पर गर्व की घोषणा कर रहा है। ये भारत ही है, जिसने नौसेना की अवधारणा को जन्म दिया, सामर्थ्य दिया और आज विश्व ने उसे स्वीकार किया।”
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2022 में मिला था नया ध्वज
गौरतलब है कि इससे पहले 2 सितंबर 2022 में भारतीय नौसेना ने अंग्रेजों की गुलामी की मानसिकता को त्यागकर आगे बढ़ते हुए नया ध्वज शामिल किया था। उस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत ने गुलामी के एक निशान, गुलामी के एक बोझ को अपने सीने से उतार दिया। अब छत्रपति शिवाजी से प्रेरित, नौसेना का नया ध्वज समंदर और आसमान में लहराएगा।
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इसके बाद बड़ा कदम उठाते हुए इसी साल जुलाई में भारतीय नौसेना ने एक और गुलामी की याद को ताजा करती बैटन परंपरा को भी खत्म कर दिया था। नौसेना के पत्र में कहा गया था कि ‘बैटन’ ले जाना एक औपनिवेशिक विरासत है, जिसकी ‘अमृत काल’ की परिवर्तित नौसेना में कोई जगह नहीं है।
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