अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका देते हुए अमेरिका के मेन के राज्य सचिव ने उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए प्राथमिक मतदान से डिस्क्वालिफाई कर दिया है। उन पर ये कार्रवाई संविधान के विद्रोह खंड के तहत के तहत की गई है। मेन के स्टेट सेक्रेटरी ने ये फैसला ट्रंप की अमेरिकी सर्वोच्च न्यायालय में कानूनी टकराव के बाद लिया गया है।
इससे पहले कोलोराडो के सर्वोच्च न्यायालय ने भी ट्रंप को हाल ही में राज्य के प्राथमिक मतदान से डिस्क्वालिफाई करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के बाद मेन के चुनाव अधिकारी एकतरफा कार्रवाई करने वाले पहले व्यक्ति हैं, और इस कदम के संभावित चुनावी परिणाम होंगे।
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उल्लेखनीय है कि मेन कैपिटल के पास केवल चार ही चुनावी वोट हैं। साल 2020 में ट्रंप ने इनमें से एक को जीत लिया था। ऐसे में अगर वो वहां के आम चुनावों में हिस्सा भी लेते तो उन्हें वहां से बाहर ही होना पड़ता, क्योंकि कोलोराडो डेमोक्रेट का गढ़ माना जाता है। बहरहाल ट्रंप को मतदान से बाहर करने का मेन की स्टेट सेक्रेटरी शेना बेलोज ने कोलोराडो सुप्रीम कोर्ट के इसी महीने में लिए गए निर्णय के आधार पर लिया गया है। अब ट्रंप कोलोराडो और मेन में मतदान नहीं कर पाएंगे।
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बता दें कि ट्रंप को डिस्क्वालिफाई करने का फैसला अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन की धारा 3 पर आधारित हैं। इसमें स्पष्ट रूप से विद्रोह में शामिल किसी भी व्यक्ति को प्रतिबंधित करने का प्रावधान है। गौरतलब है कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति पर ये कार्रवाई साल 2020 में राष्ट्रपति चुनाव में हार के बाद उनके समर्थकों द्वारा स्टेट कैपिटल यानि अमेरिकी संसद पर चढ़ाई करने के मामले में दोषी पाए जाने के बाद लिया गया है। 6 जनवरी 2020 को ट्रंप के समर्थकों के स्टेट कैपिटल में घुसकर तोड़फोड़ करने की घटना में पांच लोग भी मारे गए थे।
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