पाञ्चजन्य सागर मंथन सुशासन संवाद 2.0: आयात कम करना और निर्यात बढ़ाना ही राष्ट्रभक्ति है: नितिन गडकरी
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पाञ्चजन्य सागर मंथन सुशासन संवाद 2.0: आयात कम करना और निर्यात बढ़ाना ही राष्ट्रभक्ति है: नितिन गडकरी

भारत के 4.5 लाख गांवों तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क रोजगार योजना के तहत सड़कें बनी हैं। इस कारण गांवों तक विकास पहुंचा, विद्यालय बने, आवागमन सुगम हुआ और विकास को नई गति मिली। यही तो सुशासन है।

by Kuldeep singh
Dec 24, 2023, 12:15 pm IST
in भारत, गोवा
Nitin Gadkari Panchjnay Sagar manthan Samvad 2.0

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी

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पाञ्चजन्य के सागर मंथन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हमें भारत को विश्व में शांति स्थापित करने के लिए आर्थिक और के साथ ही रक्षा क्षेत्र में सामर्थ्यवान बनना है। उन्होंने कहा कि समाज के अंतिम व्यक्ति के कल्याण के लिए, उनके जूवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए हर बेघर को घर दिलाने के लिए, हर भूखे को रोटी खिलाने के लिए जो कुछ किया जा रहा है, वही सच्चा राष्ट्रवाद है, वहीं राष्ट्रभक्ति है। उन्होंने सुशासन के सूत्रधार और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई को अपना आदर्श बताया और कहा कि उनकी सोच और दृष्टि के कारण आज ही भारत के 4.5 लाख गांवों तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क रोजगार योजना के तहत सड़कें बनी हैं। इस कारण गांवों तक विकास पहुंचा, विद्यालय बने, आवागमन सुगम हुआ और विकास को नई गति मिली। यही तो सुशासन है।

हमारे राष्ट्र को सुखी और समृद्ध बनाने के लिए प्रधानमंत्री ने ये तय किया है कि अगले पांच साल के अंदर हम विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगें। अटल बिहार वाजपेई प्रखर राष्ट्रवादी थे। इस देश के विकास के लिए हमारा माडल ही सबसे अच्छा है। 1947 में भारत स्वतंत्र होने के बाद आज अमृत महोत्सव हो रहा है। लेकिन देश की आजादी के बाद किस तरह से उस दौरान की राजनीतिक पार्टियों ने क्या किया, उसका मूल्यांकन आवश्यक है। कांग्रेस की स्थापना महात्मा गांधी के विचारों पर हुई और बाद में पंडित नेहरू ने लोकतंत्र और समाजवाद को मिलाकर अपनी नीतियों को लागू किया। इसका असर ये हुआ कि देश में विदेशी कंपनियों की अधिकता हुई। लेकिन उनका ये मॉडल पूरी तरह से फेल रहा।

नितिन गडकरी कहते हैं, “दूसरा विचार समाजवाद की व्यवस्था है। डॉ राम मनोहर लोहिया ने इसके लिए काम किया। तीसरी पार्टी लिबरल इकोनोमी सत्ता में आई और वो अमेरिका की पूंजीवादी अर्थव्यवस्था के रूप में अस्तित्व में आई। कम्युनिस्ट विचारधारा का स्त्रोत रूस और चीन में था। कई लोग खुद को बहुत गर्व से कम्यनिस्ट कहते थे। लेकिन आज कम्युनिस्ट पार्टी की विचारधारा पूरी तरह से फेल रही। समाजवादी पार्टी की हालत ‘दिल के टुकड़े हुए हजार कोई इधर गिरा और कोई उधर गिरा।’ जबकि कांग्रेस तो ‘कन्फ्यूज’ पार्टी है। सागर मंथन संवाद से भविष्य की तकनीक, भविष्य की योजना इस मंथन से निकलेगी। समाज का विकास तभी होगा, जब हम अपने गरीबों का उत्थान करेंगे। पूरे विश्व में राष्ट्रवाद की विचारधारा को जगाने के लिए हमें एथिक्स, इकोनोमी और इकोलोजी और एनवायरमेंट को प्रोटेक्ट करके, हमें विकास में आगे निकलना है। हमारी जीडीपी में 12 से 14 प्रतिशत कृषि से आती है। गांवों से करीब 30 फीसदी लोगों ने रोजगार के लिए शहरों का रुख किया है। गांव गरीब और किसान कल्याण करना है तो जल जमीन और जंगल को प्रोटेक्ट करना है।”

नागपुर में हम गिर गायों को पालने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। क्योंकि इनका दुग्ध उत्पादन करीब 30 से 40 लीटर का है। नागपुर में 10000 किसानों ने आत्महत्या की। लेकिन किसानों की आत्महत्या को रोकने के लिए हम नागपुर में गोट फॉर्मिंग की तरह ही काऊ फॉर्मिंग को प्रोत्साहित कर रहे हैं। डॉ हेडगेवार जी ने कहा था कि हमारा देश स्वराज्य होना चाहिए। हमारी सामाजिक व्यवस्था का केंद्र बिन्दु व्यक्ति है और व्यक्ति मिलकर ही समाज का निर्माण होता है। इसी विचारधारा के आधार पर आरएसएस की स्थापना हुई थी। आज पूरे विश्व में आयुर्वेद, पंचकर्म और योग बहुत ही बढ़ा है। इसी को हम हिन्दू जीवन पद्धति है। हमारी भारतीय संस्कृति कहती है पूरे विश्व का कल्याण हो। सुप्रीम कोर्ट ने भी हिन्दू धर्म को वे ऑफ लाइफ माना है।

सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर पर बात करते हुए गडकरी ने कहा, “आज हमें मौका मिला है तो हमने गोवा में 25000 करोड़ खर्च किए हैं, मुंबई में 55 उड़ान पुल बनाए हैं। मेरे पास पैसे की कमी नहीं है। मुंबई पूना हाईवे पीपीटी इन्वेस्टमेंट से बना। हिन्दुस्तान के इतिहास में यही सुशासन है। गांवों को जोड़ने वाली योजना तैयार करो ये अटल बिहार वाजपेयी ने कहा था। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क रोजगार योजना के तहत काम करने का सौभाग्य मिला। हमने इस योजना के तहत 6.5 लाख किलोमीटर रोड बनाई। यही सच्चा सुशासन है।”

आयात कम करने की आवश्यकता

केंद्रीय मंत्री ने आयात पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि देश में आयात 16 लाख करोड़ का है। अगर इंपोर्ट बंद होगा ये पैसा देश के विकास में लगेगा। मेरा मकसद पेट्रोल डीजल वालों का बैंड बजाना है। किसान शुगर, ब्रोकन राइस, पराली आदि से इथेनॉल बना रहे हैं। ये पूरी तरह से प्रदूषण रहित है। इथेनॉल बेस्ड इकोनोमी होनी चाहिए। मेरे पास हाईड्रोजन चालित कार है, जिसका नाम है मिराई। भारत दुनिया का नंबर वन देश है जो कि इलेक्ट्रोलाइजर का सबसे ज्यादा उत्पादन करता है। इससे हाइड्रोजन बनता है। टाटा और लैलैंड ने अपने गाड़ियों में हाइड्रोजन डाल रहे हैं। इंपोर्ट को कम करना, एक्सपोर्ट को बढ़ाना और रोजगार बढ़ाना ही राष्ट्रवाद है। आटोमोबाइल इंडस्ट्री 2.5 लाख करोड़ की है। हम देश को सबसे ज्यादा राजस्व देते हैं। मैं विश्वास दिलाता हूं कि सुशासन और आत्मनिर्भर भारत के जरिए हम विश्व की नंबर वन आटोमोबाइल इंडस्ट्री बनेंगे।”

गोवा में शिपयार्ड है जब मैं शिपिंग मंत्री था तो मेरा सपना था कि लोग रोड की जगह वाटर टैक्सी का इस्तेमाल करें। इसके लिए हमने काफी काम किया है। तकनीक का इस्तेमाल करके सस्टेनेबल डेलवमेंट करके इकोनोमी और इकोलॉजी का विकास किया है। ढोलेरा में 25000 टन कचरा सेग्रिगेट करते सड़क में डाल दिया। हमने हिमाचल में 200 किलो के ड्रोन को टेस्ट किया है। इसके जरिए हम पहाड़ों के ऊपर से सेबों को नीचे लाते हैं। इससे कॉस्ट कम हो रही है। दो साल के अंदर पेट्रोल और डीजल की गाड़ियां इलेक्ट्रिक होंगी।

सामर्थ्यवान व्यक्ति ही समाज में शांति लाना है। लेकिन हमें दूसरी जमीन पर कब्जा नहीं करना है। भागवान श्रीकृष्ण ने कहा था कि मैं सज्जनों की क्षा करने औऱ दुष्टों का अंत करने के लिए अवतार लेता हूं। हमें दुनिया में शांति लाने के लिए सामर्थ्यवान बनना पड़ेगा।

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