कोरोना का नया वेरिएंट जेएन.1 ने एक बार फिर से चिंता बढ़ा दी है। विदेशों के साथ-साथ अब भारत में भी इसके मामले लगातार बढ़ रहे हैं। देश में अब तक जेएन.1 के 21 मामले सामने आ चुके हैं। इस वेरिएंट तो लेकर लोगों के मन में तरफ-तरफ से सवाल उठ रहे हैं। आखिर यह किस उम्र के लोगों के लिए अधिक खतरनाक है। आइए जानते हैं इस पर विशेषज्ञों का क्या कहना है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक लोगों में जेएन1 वेरिएंट को लेकर इम्यूनिटी डेवलप नहीं हो जाती, तब तक इसके केस बढ़ते रहेंगे। अगर इसके लक्षणों की बात करें तो ठंड लगना, इंफ्लुएंजा जैसा असर, थकान, शरीर में दर्द और गले में तकलीफ आदि हैं। जानकारों का यह भी कहना है कि कम उम्र के लोगों में इसका असर ज्यादा नहीं होगा, लेकिन अधिक उम्र के लोगों के लिए यह मुश्किल खड़ी कर सकता है। ऐसे लोगों को विशेष सावधानी रखनी होगी जिन्हें पहले से कोई बीमारी है।
कोरोना वायरस के सब वेरिएंट JN.1 का केस सबसे पहले अगस्त माह में लक्जमबर्ग में पाया गया था, उसके बाद यह धीरे-धीरे 36 से 40 देशों में फैल चुका है। अगर भारत की बात करें तो सबसे पहले यहां केरल में एक महिला संक्रमित पाई गई थी। उसके बाद अब गोवा और महाराष्ट्र में भी इसके संक्रमित मरीज मिले हैं। हालात को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी कोरोना को लेकर एडवाइजरी जारी कर दी है। राज्यों से सतर्कता और जांच को लेकर ऐक्टिव रहने के लिए कहा गया है।
बता दें कि डब्लूएचओ ने इस नए वेरिएंट को क्लासिफाइड किया है और इसे ‘वेरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट’ की कैटेगरी में रखा है। जिसका मतलब है कि इसके गंभीर होने की संभावना कम है, लेकिन ये तेजी से फैल सकता है। इसलिए सावधानी रखना जरूरी है। हालांकि मौत का खतरा काफी कम है।
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