आइए, बात करे उस सतत सभ्यता वाले भारत की, जो परतंत्रता को पराजित कर निरंतर आगे बड़ रहा है। बात एक स्वतंत्र एवं आत्मनर्भर भारत की सामयिक विकास यात्रा की।
सुप्रीम कोर्ट ने 11 दिसम्बर के अपने फैसले में एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना को मजबूत किया है। इसने हमें याद दिलाया कि एकता और सुशासन के लिए साझा प्रतिबद्धता ही हमारी पहचान है। आज जम्मू, कश्मीर और लद्दाख में जन्म लेने वाले प्रत्येक बच्चे को साफ-सुथरा माहौल मिलता है, जिसमें वह जीवंत आकांक्षाओं से भरे अपने भविष्य को साकार कर सकता है। आज लोगों के सपने बीते समय के मौहताज नहीं, बल्कि भविष्य की संभावनाएं है। -प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी
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