लखनऊ। नफीस बिरयानी न्यायिक हिरासत में नैनी सेंट्रल जेल में बंद था। तबीयत खराब होने पर रविवार शाम उसे एसआरएन हॉस्पिटल में जेल प्रशासन ने दाखिल कराया था। रविवार देर रात्रि उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई है। चिकित्सकों ने प्रथमदृष्टया हार्ट अटैक से मृत्यु होना बताया है ।
थाना धूमनगंज के उमेश पाल तिहरे हत्याकांड में नफीस वांछित था। नफीस की कार का इस्तेमाल उमेश पाल की हत्या में किया गया था। पुलिस लगातार नफीस को तलाश रही थी। उसके ऊपर 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था। गत 22 नवम्बर को नफीस पुलिस मुठभेड़ में घायल हुआ था। पुलिस की गोली उसके पैर में लगी थी। घायल होने के बाद उसे एसएआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कुछ दिन बाद उसे जेल भेज दिया गया था। बताया जा रहा है कि जेल में उसकी तबीयत बिगड़ी। इसके बाद उसे एसआरएन अस्पताल लाया गया था।
जानकारी के अनुसार नफीस अतीक के छोटे भाई अशरफ का बेहद करीबी था। वर्ष 2007 में प्रदेश में जब बसपा की सरकार बनी तो अतीक और अशरफ के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जाने लगे। वर्ष 2008 में जब अतीक और अशरफ जेल चले गए तब नफीस ने सिविल लाइन्स में एक बिरयानी की दुकान खोली थी। बिरयानी की उसकी दुकान काफी सफल रही। तभी से उसका नाम नफीस बिरयानी पड़ गया था।
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