नई दिल्ली। दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगा मामले में आरोपित शाहरुख पठान की जमानत याचिका गुरुवार को खारिज कर दी। एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिया।
कोर्ट ने 9 दिसंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान शाहरुख पठान की ओर से पेश वकील खालिद अख्तर ने कहा था कि शाहरुख पठान के मामले में ट्रायल में काफी देर हो रही है और वो पिछले तीन साल नौ महीने से हिरासत में है। इस मामले में अब तक अभियोजन पक्ष के केवल दो गवाहों के ही बयान दर्ज किए गए हैं। इस मामले में एक चार्जशीट और तीन पूरक चार्जशीट दाखिल की गई हैं। अभियोजन पक्ष की ओर से 90 गवाह हैं। सात मार्च को कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई रोजाना करने का आदेश दिया था लेकिन उसके बाद अब तक कोर्ट ने केवल सात बार ही सुनवाई की। उन्होंने कहा था कि इस मामले में अधिकतम सजा दस साल है।
उल्लेखनीय है कि 24 दिसंबर, 2021 को कोर्ट ने आरोप तय कर दिया था। कोर्ट ने हत्या की कोशिश, दंगा फैलाने और गैरकानूनी भीड़ का हिस्सा होने से संबंधित धाराओं के तहत आरोप तय किए थे। शाहरुख को उत्तर प्रदेश के शामली से 3 मार्च, 2020 को गिरफ्तार किया गया था। उसने दिल्ली दंगे के दौरान पुलिसकर्मी पर रिवाल्वर तानी थी। दिल्ली पुलिस ने उसकी रिवाल्वर उसके घर से ही बरामद की थी। पुलिस ने उसके घर से तीन कारतूस भी बरामद किए थे। दिल्ली पुलिस ने शाहरुख का मोबाइल फोन भी बरामद किया था। दिल्ली दंगों के दौरान शाहरुख का हेड कांस्टेबल दीपक दहिया पर रिवाल्वर तानने वाला फोटो भी काफी वायरल हुआ था। फरवरी 2020 में हुए दंगों में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और दो सौ के करीब लोग घायल हुए थे।
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