मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में हिंदू पक्ष की बड़ी जीत हुई है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मामले में एडवोकेट कमिश्ननर नियुक्त करने की मांग मान ली है और ASI सर्वे की मंजूरी दे दी है। हिंदू पक्ष इसे बड़ी जीत मान रहा है। हिंदू पक्ष का कहना है कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई है। इस मामले में कुल 18 याचिकाएं दायर की गई थीं।
गुरुवार को मथुरा जन्मभूमि मामले में हिंदू पक्ष की याचिका हाईकोर्ट ने मंजूर कर ली है। एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त करने की मांग हाई कोर्ट ने मान ली है। हिंदू पक्ष इसे बड़ी जीत मान रहा है। मथुरा में विवादित जमीन का अब सर्वे होगा। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि सच की जीत होगी। मामले में 18 दिसंबर को अब अगली सुनवाई होगी।
अयोध्या और काशी की तरह विवाद है। हिंदू पक्ष का कहना है कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई है।
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गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस मयंक कुमार जैन ने इससे पहले 16 नवंबर को संबंधित पक्षों को सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था। बता दें कि यह याचिका भगवान श्री कृष्ण विराजमान और सात अन्य लोगों द्वारा अधिवक्ता हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन, प्रभाष पांडेय और देवकी नंदन के जरिए दायर की गई थी जिसमें दावा किया गया है कि भगवान कृष्ण की जन्मस्थली उस मस्जिद के नीचे मौजूद है और ऐसे कई संकेत हैं जो यह साबित करते हैं कि मथुरा में स्थित शाही मस्जिद असल में एक भगवान श्रीकृष्ण का मंदिर है।
उल्लेखनीय है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद के मामले में हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने दावा किया था कि कमल के आकार के स्तंभ और शेषनाग की आकृति के होने का दावा किया था। बता दें कि शेषनाग को सनातन संस्कृति में देवता का स्थान मिला हुआ है। माना जाता है कि शेषनाग जी ने ही जन्म की रात भगवान कृष्ण को अपने फन के नीचे ढका था। याचिका में यह भी बताया गया था कि मस्जिद के स्तंभ के आधार पर हिंदू धार्मिक प्रतीक हैं और नक्काशी में ये साफ दिखते हैं।
क्या है पूरा मामला
श्री कृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ भूमि को मुक्त करने एवं अवैध कब्जे को हटाने का मुकदमा काफी लंबे समय से चल रहा है। उसके बाद यह मुकदमा इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दाखिल हुआ था। हिंदू पक्ष ने शाही मस्जिद की 2.65 एकड़ भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका में यह मांग की गई थी कि कोर्ट कमिश्नर और साथ ही पूरे परिसर का एएसआई से सर्वे कराया जाए।
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