इस समय देशभर में 1,10,000 सहकारी संस्थाएं काम कर रही हैं। ये सभी संस्थाएं लोगों को आर्थिक दृष्टि से मजबूत करने के लिए कार्य कर रही हैं, लेकिन इन संस्थाओं के समक्ष अनेक समस्याएं आ रही हैं।
गत दिसंबर को नई दिल्ली के पूसा परिसर स्थित मेला मैदान में पूरे देश से लगभग 5,000 लोग जुटे। ये ऐसे लोग थे, जो आपसी सहयोग से एक-दूसरे को आर्थिक रूप से आगे बढ़ा रहे हैं। इन लोगों ने दो दिन तक विचार-मंथन करके यह बताने का प्रयास किया कि सहकारिता से ही भारत को परम वैभव तक पहुंचाया जा सकता है। इस विचार-मंथन को नाम दिया गया था- क्रेडिट सोसायटी : राष्ट्रीय अधिवेशन। इसका उद्घाटन केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह चुके हैं कि 2047 तक भारत को विकसित देश बनाना है। उनका यह सपना तब पूरा होगा जब हर भारतवासी कदम से कदम और कंधे से कंधा मिलाकर चलेगा। साथ चलने, साथ आगे बढ़ाने की भावना ही सहाकरिता है। यही सहकारिता किसान, गरीब, शोषित, पीड़ित आदि की समस्याओं का समाधान निकालेगी। उन्होंने कहा कि सहकारिता की भावना हमारे संस्कारों और आत्मा में बसती है। इसके बावजूद इस क्षेत्र में हमें वह सफलता नहीं मिली, जो मिलनी चाहिए। इसके लिए आजादी के बाद का नेतृत्व जिम्मेदार है।
उस नेतृत्व ने सहकारिता को बढ़ाने वाली नीतियां नहीं बनाईं, लेकिन आज जो नेतृत्व है, वह इस दिशा में बहुत ईमानदारी से कार्य कर रहा है। इसलिए आने वाले समय में सहकारिता क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन होने वाला है। उन्होंने कहा कि सहकार भारती इस राष्ट्र को विकसित करने में लगी है। सहकारिता क्षेत्र में काम करने वाले प्रतिनिधियों का सक्षम और सबल नेतृत्व करने वाला संगठन है सहकार भारती। केंद्रीय सहकारिता राज्यमंत्री बनवारीलाल वर्मा ने कहा कि भारत सहकारिता से समृद्धि की ओर बढ़ रहा है। आज इस क्षेत्र में नए-नए आयाम शुरू हो रहे हैं।
अधिवेशन के स्वागताध्यक्ष राधेश्याम चांडक ने कहा कि देश में भंडारण की व्यवस्था पर्याप्त नहीं होने के कारण प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए का अनाज खराब हो जाता है। इसलिए सरकार सहकारिता संस्थाओं को गोदाम बनाने की अनुमति दे। सहकार भारती के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. उदय जोशी ने बताया कि क्रेडिट सोसायटी शोषितों, पीड़ितों और गरीबों को महाजनों के चंगुल से बचा रही हैं। इसलिए इन्हें आयकर से मुक्त करना चाहिए।
सहकार भारती इस राष्ट्र को विकसित करने में लगी है। सहकारिता क्षेत्र में काम करने वाले प्रतिनिधियों का सक्षम और सबल नेतृत्व करने वाला संगठन है सहकार भारती। केंद्रीय सहकारिता राज्यमंत्री बनवारीलाल वर्मा ने कहा कि भारत सहकारिता से समृद्धि की ओर बढ़ रहा है। आज इस क्षेत्र में नए-नए आयाम शुरू हो रहे हैं।
इस समय देशभर में 1,10,000 सहकारी संस्थाएं काम कर रही हैं। ये सभी संस्थाएं लोगों को आर्थिक दृष्टि से मजबूत करने के लिए कार्य कर रही हैं, लेकिन इन संस्थाओं के समक्ष भी अनेक समस्याएं आ रही हैं। इन्हें दूर करने के लिए ही यह अधिवेशन बुलाया गया। यहां से जो भी बात निकलेगी वह सरकार के सामने रखी जाएगी, ताकि उनका समाधान हो।
अधिवेशन का आयोजन सहकार भारती ने किया था। इसमें राष्ट्रीय राज्य और जिला स्तर पर कार्य करने वाली अनेक सहकारी संस्थाओं ने भी भाग लिया। अधिवेशन के दूसरे दिन विभिन्न सहकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने अपनी-अपनी समस्याओं को साझा किया और उनके समाधान भी तलाशे। आधुनिक तकनीक और डिजिटल लेन-देन के भी कुछ सत्र हुए।
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