बुलंदशहर। पश्चिमी उत्तर प्रदेश से गुजरने वालीं ट्रेनों को पलटने की बड़ी साजिश सामने आने से हड़कंप मच गया है। तीन दिन के अंदर दो ट्रेनों को निशाना बनाने की कोशिश हुई। शिवगंगा एक्सप्रेस और झारखंड एक्सप्रेस के ड्राइवर की सतर्कता से हादसा टल गया, वरना कुछ भी अनहोनी हो सकती थी। मामला सामने आने के बाद रेलवे अफसर सतर्क हो गए हैं। आरपीएफ और रेलवे पुलिस की टीमें षडयंत्रकारियों की तलाश में जुटा दी गई हैं।
दिसंबर महीने में पश्चिमी यूपी के अंदर सर्दी बढ़ने के साथ रात में कोहरा भी घना होता जा रहा है। अपराधी तत्व इसका फायदा उठाते हुए रेलवे को नुकसान पहुंचाने का खतरनाक षडयंत्र कर रहे हैं। साजिश ट्रेनों को दुर्घटनाग्रस्त करने की है और इसके लिए रेल पटरियों पर लोहे के टुकड़े रखे जा रहे हैं। बुलंदशहर जिले में सिकंदरपुर रेलवे स्टेशन के पास पुल के नीचे एक दिन पहले रात में डाउन ट्रैक पर रखे गए लोहे के टुकड़ों से झारखंड एक्सप्रेस टकरा गई।
दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग पर 12818 झारखंड एक्सप्रेस आनंद विहार से हटिया (झारखंड) जा रही थी। इसी फ्लाईओवर के नीचे इंजन का निचला हिस्सा ट्रैक पर रखे लोहे के टुकड़े रख दिए जाने से गाड़ी हादसे का शिकार होते-होते बची। जांच में रेल पटरी के टुकड़े टूटे हुए पाए, जोकि ट्रैक पर रखे गए थे। इसकी वजह से ट्रेनों को वहां से धीमी गति से गुजारा गया। सूचना पर एसएसपी बुलंदशहर श्लोक कुमार पुलिस टीमों के साथ मौके पर पहुंच गए। रेलवे के अफसरों ने भी पहुंचकर जांच की।
अफसरों का कहना है कि ऐसी ही मामला 6 दिसंबर को बुलंदशहर जिले से गुजरने वाले शिवगंगा एक्सप्रेस के साथ भी सामने आया था। रेलवे ट्रैक पर लोहा रखा होने की वजह से लंबी दूरी की शिवगंगा एक्सप्रेस भी दुर्घटनाग्रस्त होते-होते बची थी। रेलवे प्रवक्ता अमित सिंह का कहना है कि तीन दिन में दो बार ट्रैक पर रखे लोहे के टुकड़े से ट्रेनों के टकराने का मामला सामने आया है। जांच के लिए आरपीएफ की टीमें गठित की गई हैं।
सीनियर सैक्शन इंजीनियर ने कोतवाली खुर्जा नगर में अज्ञात अपराधियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। चौंका देने वाली बात ये है कि दोनों बार डाउन ट्रैक पर लोहे के टुकड़े रखकर ट्रेनों को हादसे का शिकार बनाने की कोशिश की गई है। सीनियर सैक्शन इंजीनियर विकास ने बताया कि सतर्कता के क्रम में रेलवे लाइन के पास रखे हुए अतिरिक्त ट्रैकों को हटवाने का कार्य किया जा रहा है। कुछ स्थानों से ट्रैकों को हटवाया भी जा चुका है।
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