कर्नाटक के सैय्यदिया यतीमखाने में मुस्लिम बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार के मामले में अब कर्नाटक सरकार ने आखिरकार दारुल उलुम संस्था के खिलाफ केस दर्ज कर ही लिया है। इस मामले में एनसीपीसीआर के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कर्नाटक सरकार पर निशाना साधा है।
उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर कहा, “मैंने नवंबर में ही बंगलुरु कर्नाटक में दारूल उलूम सैय्यादिया यतीम खाना नाम से अवैध ढंग से चलते हुए एक ग़ैरपंजीकृत अनाथ आश्रम का औचक निरीक्षण किया था। जिसमें कई अनियमितताएं पाई गई थीं। जिस पर कार्यवाही हेतु आयोग ने कर्नाटक के मुख्य सचिव को सख़्त निर्देश देते हुए सम्मन जारी किया था। इस मामले में अब जा कर कर्नाटक सरकार ने दारूल उलूम के विरुद्ध JJ ऐक्ट की FIR दर्ज की है।”
मैंने नवम्बर महीने में बंगलुरु,कर्नाटक में दारूल उलूम सैय्यादिया यतीम खाना नाम से अवैध ढंग से चलते हुए एक ग़ैरपंजीकृत अनाथ आश्रम का औचक निरीक्षण किया था जिसमें कई अनियमिततायें पायी गयीं थीं एवं जिस पर कार्यवाही हेतु आयोग ने कर्नाटक के मुख्य सचिव को सख़्त निर्देश देते हुए सम्मन…
— प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (@KanoongoPriyank) December 9, 2023
“यहाँ अवैध ढंग से ला कर रखे गए 200 बच्चों के परिवारों के बारे में पता लगाने का काम अभी बाक़ी है। उल्लेखनीय है कि एनसीपीसीआर की इस कार्यवाही के बदले में कर्नाटक सरकार ने मेरे ऊपर ही एक झूठी FIR दर्ज कर ली थी। चाहे सिद्धारमैया की सरकार मुझे जेल में ही क्यों न डाल दे परंतु हर दुस्साहस का उत्तर दिया जाएगा।”
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क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि एनसीपीसीआर के मुताबिक, इस यतीमखाने में करीब 200 अनाथ बच्चों को रखा गया है। 100 वर्गफुट के कमरे में 8 बच्चों को रखा जाता है औऱ इस तरह के यहां पर करीब 5 कमरे हैं, जिनमें कुल 40 बच्चे रहते हैं। जबकि 16 बच्चे गलियारे में रहने को मजबूर हैं। बाकि के 150 बच्चों को नमाज के लिए निर्धारित 2 हालों में सोना पड़ता है।
बाद में इस मामले में कर्नाटक सरकार ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो के खिलाफ कर्नाटक में केस दर्ज किया गया है। बेंगलुरु में दारुल उलूम द्वारा संचालित अनाथालय में जबरन घुसने के आरोप में ये केस दर्ज हुआ है. ये केस अनाथालय के ट्रस्टी अशरफ खान की तरफ से डीजे हल्ली पुलिस स्टेशन में दर्ज कराया गया है।
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