केरल के तिरुवंतपुरम में 28वां अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल शुरू हो गया है। इजरायल हमास युद्ध के बीच फेस्टिवल को फिलिस्तीनी लोगों के साथ एकजुटता को समर्पित किया गया। प्रदेश के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने ऑनलाइन उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि महोत्सव में फिलिस्तीन सॉलिडैरिटी फिल्म्स दुनिया को फिलिस्तीनी लोगों के साथ केरल की एकजुटता के बारे में भी बताती है।
इस दौरान साजी चेरियन ने भी ऑनलाइन अध्यक्षीय भाषण दिया। इस मौके पर सीएम विजयन ने कहा कि प्रदर्शित फिल्मों की राजनीतिक सामग्री के मामले में आईएफएफके दुनिया के किसी भी फिल्म महोत्सव के बराबर होगा। विजयन ने कहा कि यह महोत्सव खास तौर से ‘‘फलस्तीनी लोगों के संघर्ष के प्रति एकजुटता जताने का प्रयास है.’’ उन्होंने यह भी कहा कि ‘स्प्रिट ऑफ सिनेमा’ पुरस्कार केन्या के कलाकार वानुरी काहियु को प्रदान कर राज्य आजादी और अभिव्यक्ति के लिए लड़ने वाले लोगों का समर्थन करने की अपनी प्रतिबद्धता जता रहा है।
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इस फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित होने वाली पहली फिल्म सुडान की है। फिल्म का नाम है‘गुड बाय जूलिया’। यह सुडान से कान्स फिल्म महोत्सव के लिए सेलेक्ट पहली फिल्म है। महोत्सव में पोलैंड के प्रसिद्ध निदेशक किर्जिस्तोफ जानुसी को ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड’ दिया जाएगा। फिल्म फेस्टिवल में मुख्य अतिथि के तौर पर बॉलीवुड कलाकार नाना पाटेकर रहे। इस दौरान पाटेकर ने अपनी इच्छा व्यक्त की कि वो मलयालम सिनेमा में काम करना चाहते हैं। आठ दिन चलने वाले इस फिल्म फेस्टिवल में 81 देशों की 175 अंतरराष्ट्रीय फिल्मों को दिखाया जाएगा। संभावना है कि इसमें 12,000 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे।
केरल में ही हुई थी हमास समर्थक रैली
गौरतलब है कि जिस केरल में अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में फिलिस्तीन के प्रति समर्थन जताया गया है। यही पर 10 अक्टूबर को फिलिस्तीन के समर्थन में मुस्लिमों ने एक रैली निकाली थी। इस रैली में आतंकी संगठन हमास का पूर्व मुखिया खालिद मशाल भी शामिल हुआ था। रैली में ऑनलाइन जुड़े खालिद मशाल ने अरबी भाषा में लोगों को संबोधित किया। इसमें उसने “बुलडोजर हिंदुत्व और रंगभेदी यहूदीवाद को उखाड़ फेंकने की बात कही थी। बाद में बीजेपी ने इसका विरोध करते हुए इसे राष्ट्रविरोधी गतिविधि करार दिया था। रैली का आयोजन जमात-इस्लामी से जुड़े सॉलिडैरिटी यूथ मूवमेंट ने आयोजित किया था।
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