स्थान कोई भी हो, जिन लोगों ने किसी न किसी बहकावे, लालच और प्रलोभन में आकर दूसरे पंथों को अपना लिया था। अब वो तेजी से अपनी जड़ों की ओर लौट रहे हैं। ऐसा ही एक मामला बांग्लादेश से आया है, जहां 220 ईसाई वनवासी परिवारों ने सनातन धर्म में घर वापसी की।
रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश में घर वापसी करने वाले वनवासी ईसाइयों को ईसाई मिशनरियों कई साल पहले अच्छे पैसे, और अच्छे कैरियर का लालच देकर ईसाई कन्वर्जन करा दिया था। लेकिन लंबे वक्त से इन परिवारों को इस बात का अहसास हो रहा था कि आखिर में उनकी जड़ तो हिन्दू धर्म ही है। ये लंबे वक्त से सनातन धर्म में वापस आना चाहते थे। इसी को लेकर उन्होंने बांग्लादेश अग्निवीर संस्था से संपर्क किया।
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इसके बाद बांग्लादेश अग्निवीर संस्था ने इन 220 ईसाई परिवारों का सनातन धर्म में करवा दिया। संस्था ने इन परिवारों की घर वापसी करवाने के लिए एक सामूहिक कार्यक्रम का आय़ोजन किया, जहां वैदिक मंत्रों और यज्ञों के साथ साथ विधि विधान के साथ सनातन धर्म में घर वापसी हुई। पुरुषों के जेनऊ धारण करवाया गया।
उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश अग्निवीर लगातार लोगों के कन्वर्जन को रोकने का काम कर रही है। दरअसल, बांग्लादेश में हिन्दुओं का इस्लामिक और ईसाई कन्वर्जन बहुत ही गंभीर मुद्दा है। बांग्लादेश में हिन्दुओं की हत्याओं और मंदिरों को अपवित्र करने की कथित घटनाओं की पृष्ठभूमि में, यह कदम धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के व्यापक संदर्भ में अतिरिक्त महत्व रखता है।
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इससे पहले इसी साल 30 अक्टूबर को बांग्लादेश के खगराचारी में ईसाई पंथ कन्वर्जन से परेशान 100 ईसाई वनवासियों ने सनातन धर्म में घर वापसी की थी। इन सभी का कहना था कि ये बांग्लादेश के पहाड़ी इलाकों में रहते थे, जहां ईसाई मिशनरियों ने अच्छा कपड़ा, पैसा और अच्छी शिक्षा का लालच देकर इनका ईसाई कन्वर्जन करवा दिया था।
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