रोम। चीन के ड्रीम प्रोजेक्ट बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) से इटली ने आधिकारिक तौर पर बाहर होने की घोषणा की है। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी (Giorgia Meloni) ने भारत में जी 20 शिखर सम्मेलन के दौरान व्यक्तिगत रूप से चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग को इस संबंध में जानकारी दी थी।
बीआरआई (BRI Project) में शामिल होने वाला इटली एकमात्र जी-7 देश था। इटली के समाचार पत्र डायरियो पोलिटिको के अनुसार, इटली की पीएम मेलोनी के नेतृत्व वाले एक समूह ने इस बारे में चीन की सरकार को तीन दिन पहले जानकारी दी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इटली और चीन के बीच कई हफ्तों तक कई चरण में वार्ता भी हुई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
इटली (italy) के विदेश मंत्री एंटोनियो ताजानी ने कहा कि चीन के साथ बीआरआई में शामिल होने के बाद भी दोनों देशों के बीच व्यापार में उम्मीद के अनुरूप वृद्धि नहीं हो पाई है। 2019 में इटली बीआरआई में शामिल हुआ था। बता दें कि पीएम मेलोनी हमेशा से ही इस प्रोजेक्ट के खिलाफ बोलती आई हैं। चीन ने इटली को इस प्रोजेक्ट में शामिल होने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री ग्यूसेप कोंटे को प्रभावित किया था। इटली के इसमें शामिल होने से अमेरिका खासा नाराज था। इटली ने औपचारिक तौर पर इससे किनारा कर लिया है। हालांकि चीन की तरफ से अभी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) प्रोजेक्ट चीन को अरब सागर से जोड़ता है। यह चीन के स्वायत्त क्षेत्र काशगर से लेकर पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह तक फैला है। यह प्रोजेक्ट गिलगित बाल्टिस्तान में पाकिस्तान के कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र में भी प्रवेश करती है।
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