खालिस्तान आतंकी लखबीर सिंह रोडे की सोमवार को पाकिस्तान में मौत हो गई है। वो 72 साल का था और भारत विरोधी अभियानों में वो पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करता था। उसकी मौत का कारण हार्ट अटैक बताया जा रहा है। वो इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (ISYF) के स्वयंभू प्रमुख और मारे गए खालिस्तानी आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले का भतीजा था। लखबीर सिंह को UAPA के तहत भारत सरकार ने आतंकी घोषित किया गया था, जिसके बाद वो पाकिस्तान भाग गया था।
विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लखबीर सिंह के भाई और अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार जसबीर सिंह रोडे ने पाकिस्तान में उनकी मौत की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि उनके भाई का सोमवार को पाकिस्तान में अंतिम संस्कार किया जा चुका है। वह डायबिटीज से पीड़ित था। लखबीर सिंह रोडे के दो बेटे, एक बेटी और पत्नी कनाडा में रहते हैं।
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हाल ही में मोहाली में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने पंजाब के मोगा जिले में नामित आतंकवादी की जमीन को जब्त करने का आदेश दिया। यह जमीन मोगा जिले की बाघापुराना तहसील के स्मालसर के पास कोठे गुरुपुरा गांव में है। अदालत ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 33(5) के तहत भूमि को जब्त करने का आदेश दिया, जिसके तहत एक न्यायाधीश गंभीर अपराधों में शामिल घोषित अपराधी की चल और अचल संपत्ति को जब्त कर सकता है।
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गौरतलब है कि लखबीर सिंह रोडे भारत में पंजाब के मोगा जिले के रोडे गांव का निवासी था। भारत से भागने के बाद वो दुबई गया और वो वहां से पाकिस्तान चला गया। लेकिन उसने अपने परिवार को कनाडा में रखा। साल 2002 में भारत ने पाकिस्तान को 20 आतंकियों को भारत प्रत्यर्पित करने के लिए एक लिस्ट भी सौंपी थी, जिसमें लखबीर सिंह रोडे का नाम भी था। भारत सरकार के मुताबिक, रोडे के इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन ने ब्रिटेन, जर्मनी, कनाडा और अमेरिका समेत कई जगहों पर अपनी शाखाएं शुरू की थी। उसने अवैध तरीके से हथियार और विस्फोटक भारत भेजे।
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