कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णन ने अपनी ही पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस को सनातन का श्राप ले डूबा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सनातन धर्म को कुचलने की कोशिश थी। यही उसके पतन का कारण बना है। जातिवाद भी कांग्रेस का काल बना।
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने दो टूक शब्दों में कहा कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की हार बताती है कि यह देश सनातन का विरोध बर्दाश्त नहीं करेगा। साथ ही अब जातिवाद का दांव भी नहीं चलेगा। बता दें, इन चुनावों में कांग्रेस ने जातिवाद पर बड़ा दांव खेला था। सत्ता में आने पर जातीय जनगणना का वादा किया था। हालांकि, कांग्रेस का ये दांव फेल रहा। राजस्थान में अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री काल में कई साम्प्रदायिक घटनाएं हुईं, जिनका खामियाजा चुनावों में भुगतान पड़ा।
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कांग्रेस पर लगाया था अपमान का आरोप
इससे पहले भी आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेस पर सनातन धर्म का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस में कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्हें भगवान राम औऱ हिन्दुओं से दिक्कतें हैं। कांग्रेस नेता ने ये भी कहा कि भगवान राम से नफरत करने वाला हिन्दू नहीं हो सकता है।
राम मंदिर को रोकने के जो प्रयास हुए हैं उसे सारी दुनिया जानती है। राम से नफरत कौन करता है और राम के प्रति श्रद्धा किसकी है? मुझे नहीं लगता कि इस रहस्य पर कोई पर्दा है। पार्टी का हिस्सा होने का मतलब ये नहीं है कि सच को सच और झूठ को झूठ न कहा जाए। आचार्य प्रमोद कृष्णम कहते हैं कि उन्होंने महसूस किया है कि कांग्रेस में कुछ ऐसे नेता हैं जिन्हें राम मंदिर से ही नहीं राम से भी नफरत है।
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कांग्रेस नेता ने ये भी कहा था कि ये लोग हिन्दू धर्म गुरुओं से नफरत करते हैं औऱ ये नहीं चाहते हैं कि कोई हिन्दू धर्मगुरू पार्टी में रहे। हालांकि, उन्होंने किसी नेता विशेष का नाम नहीं लिया। लेकिन इशारों में उन्होंने कांग्रेस आलाकमान पर उंगली उठाई थी।
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