#WHC2023 हिन्दू मन का सागर मंथन
July 23, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

#WHC2023 हिन्दू मन का सागर मंथन

थाइलैंड की राजधानी बैंकॉक में हुई तीसरे वर्ल्ड हिन्दू कांग्रेस में 61 देशों के करीब 2100 प्रतिनिधियों और 45 सत्रों में 200 से ज्यादा विशिष्ट वक्ताओं ने शामिल होकर देश-दुनिया में बसे हिन्दू समाज को एकजुट करने और सनातन के विरोध में उठते स्वरों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने का लिया संकल्प

by Ashwani Mishra
Dec 3, 2023, 06:36 am IST
in विश्व, संघ
दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ करतीं (बाएं से ) माता अमृतानंदमयी,सर्वश्री मोहनराव भागवत,दत्तात्रेय होसबाले,सतगुरु बोधिनाथ एवं सुशील सर्राफ

दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ करतीं (बाएं से ) माता अमृतानंदमयी,सर्वश्री मोहनराव भागवत,दत्तात्रेय होसबाले,सतगुरु बोधिनाथ एवं सुशील सर्राफ

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

थाइलैंड की राजधानी बैंकॉक में हुई तीसरे वर्ल्ड हिन्दू कांग्रेस में 61 देशों के करीब 2100 प्रतिनिधियों और 45 सत्रों में 200 से ज्यादा विशिष्ट वक्ताओं ने शामिल होकर देश-दुनिया में बसे हिन्दू समाज को एकजुट करने और सनातन के विरोध में उठते स्वरों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने का लिया संकल्प

‘‘अगर पूरा विश्व सद्भाव चाहता है, तो भारत के बिना यह संभव नहीं है। विश्व में जो भी लोग इस दुनिया की एकजुटता चाहते हैं, सबका उत्थान चाहते हैं, वे सभी हिन्दू हैं। आज दुनिया हमारी ओर आशा भरी नजरों से देख रही है और हमें उसकी आस को पूरा करना है।’’

उक्त बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने कही। वे गत 24 नवंबर को थाईलैंड स्थित बैंकॉक में तीसरी वर्ल्ड हिन्दू कांग्रेस को संबोधित कर रहे थे।

इस तीन दिवसीय (24-26 नवंबर) सम्मेलन में अलग-अलग विषयों पर सात समानांतर सत्र-वर्ल्ड हिन्दू इकॉनमिक फोरम, हिन्दू एजूकेशन बोर्ड, हिन्दू मीडिया फोरम, वर्ल्ड हिन्दू डेमोक्रेटिक फोरम, हिन्दू वीमेन फोरम, हिन्दू स्टूडेंट एंड यूथ नेटवर्क और हिन्दू आर्गनाइजेशन, टेम्पल्स एंड एसोशिएशन फोरम थे। इन सत्रों में शिक्षा, अर्थ, अकादमिक जगत, अनुसंधान, विकास, मीडिया और राजनीति क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि प्राप्त करने वाले विशिष्टजन शामिल रहे। इन सत्रों में विचार मंथन हुआ कि दुनिया भर में रहने वाले हिन्दू अवसरों का कैसे लाभ लें और जब चुनौती आए तो उससे लड़कर विजयी कैसे हुआ जाए।

दूरी है भौगोलिक मन में है भारत

थाईलैंड के प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन ने वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस में शामिल दुनिया के 61 देशों से आए प्रतिनिधियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अपने संदेश में आशा व्यक्त की कि ‘उथल-पुथल से जूझ रही दुनिया सत्य, सहिष्णुता और सौहार्द के हिंदू जीवन मूल्यों से प्रेरणा लेगी और विश्व में शांति स्थापित हो सकेगी।’ उद्घाटन सत्र में मेजबान देश के प्रधानमंत्री थाविसिन को भाग लेना था लेकिन किन्हीं कारणों से वह नहीं आ सके। ऐसे में थाई प्रधानमंत्री का सभा में संदेश पढ़ा गया। उन्होंने संदेश में कहा कि ‘थाईलैंड के लिए हिन्दू धर्म के सिंद्धांतों और मूल्यों पर आयोजित वर्ल्ड हिन्दू कांग्रेस की मेजबानी करना सम्मान की बात है। हमारी भारत से भले ही भौगोलिक दूरी है लेकिन हिन्दू धर्म के सत्य और सहिष्णुता के सिद्धांतों का हमेशा से आदर रहा है।’

धर्म की विजय के उद्घोष के साथ सम्मेलन के संस्थापक—सूत्रधार स्वामी विज्ञानानंद जी ने शंख ध्वनि से कार्यक्रम का जयघोष किया। पूज्य माता अमृतानंदमयी, सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत, सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले, विश्व हिन्दू परिषद के महामंत्री श्री मिलिंद परांडे तथा भारत सेवाश्रम संघ के स्वामी पूर्णात्मानंद ने दीप प्रज्ज्वलित कर सम्मेलन का विधिवत शुभारंभ किया।

उद्घाटन सत्र में थाईलैंड के प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन का संदेश पढ़ा गया। इस संदेश में उन्होंने कहा कि थाईलैंड के लिए हिन्दू धर्म के सिद्धांतों और मूल्यों पर आयोजित वर्ल्ड हिन्दू कांग्रेस की मेजबानी करना सम्मान की बात है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि उथल-पुथल से जूझ रही दुनिया सत्य, सहिष्णुता और सौहार्द के हिंदू जीवन मूल्यों से प्रेरणा लेगी और विश्व में शांति स्थापित हो सकेगी। सभा को विहिप के महामंत्री मिलिंद परांडे ने भी संबोधित किया।

श्री परांडे ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज सनातनधर्मियों के लिए चुनौती भरा समय है। इसलिए हम सभी को टुकड़ों में बंटकर नहीं बल्कि एकजुट होकर रहना है, तभी हिन्दू समाज की रक्षा हो सकेगी। भारत सेवाश्रम संघ के पूज्य पूर्णात्मानंद जी महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा कि आज देश—दुनिया में हिन्दुओं को लक्षित करने का षड्यंत्र रचा जाता रहा है। हिन्दुओं का कन्वर्जन कराया जाता है, बहन—बेटियों पर अत्याचार किया जाता है। इन संकटों से पार पाने और उनका मुकाबला करने के लिए हमारा संगठन वर्षों से काम कर रहा है।

हमारा ध्येय सेवा है। धर्म रक्षा के लिए हिन्दुओं को एकजुट होना ही होगा। सनातन धर्म की जय हो, इसके लिए हम सभी को मिलकर समाज के लिए काम करना है। यूएसए से प्रकाशित हिन्दुइज्म टुडे के प्रकाशक सतगुरु बोधिनाथ वेलनस्वामी भी इस अवसर पर उपस्थित थे। सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने शॉल ओढ़ाकर उनका अभिनंदन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से दुनिया भर से आए हिन्दू समाज के प्रतिनिधि यहां से जब वापस जाएंगे तो उनके दिमाग में समाज में कुछ नया करने के लिए कुछ नए विचार होंगे। सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित माता अमृतानंदमयी ने उपस्थित सनातनधर्मियों को अपने आशीर्वचन से अभिसिंचित किया। उन्होंने कहा कि भारत वह भूमि है, जिसने विश्व को परम सत्य का मार्ग दिखाया है। हम पूरे विश्व को एक परिवार मानते हैं। यहां सबके उत्थान की बात कही गई है। सबके सुख में अपना सुख हम पाते हैं। यहां सेवा ही परम धर्म है। यही हिन्दुत्व की मूल अवधारणा है।

मीठे से दिया मजबूती का संदेश

सम्मेलन के दौरान सभी प्रतिनिधियों को एक बाक्स में दो लड्डू दिए गए। इसमें एक लड्डू जहां नरम तो वहीं दूसरा बेहद कठोर था। दरअसल नरम और सख्त लड्डुओं के वितरण के पीछे असल संदेश हिंदू एकता का था। बाक्स पर स्पष्ट शब्दों में संदेश लिखा था,
‘दुर्भाग्य से, वर्तमान में हिंदू समाज एक नरम लड्डू जैसा है, जिसे आसानी से टुकड़ों में तोड़ा जा सकता है और फिर आसानी से निगल लिया जा सकता है। लेकिन एक बड़ा कठोर लड्डू मजबूती से बंधा हुआ, एकजुट होता है और इसे टुकड़ों में नहीं तोड़ा जा सकता है। हिंदू समाज एक बड़े सख्त लड्डू की तरह होना चाहिए, जिसे तोड़ना बहुत मुश्किल हो। तभी यह शत्रुतापूर्ण ताकतों से अपनी रक्षा करने में सक्षम होगा।’

वर्ल्ड हिन्दू कांग्रेस में दुनिया भर से एकत्र हुए सनातन प्रतिनिधि

तीन दिवसीय विश्व हिंदू कांग्रेस का समापन पूरी दुनिया में बसे हिंदुओं को एक दूसरे के साथ जोड़ने, वसुधैव कुटुंबकम के ध्येय को मजबूत करने और आध्यात्मिक पथ का अनुसरण करते हुए भारत को विश्व गुरु के पद पर आसीन करने के संकल्प के साथ हुआ। समापन समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि जातियों, उपजातियों, मतों, गुरुओं, भाषाओं के आधार पर बंटे हिंदुओं के लिए केवल और केवल हिन्दुत्व के लिए एकजुट होना समय की मांग है।

इस तीन दिन के विचार मंथन से जो सार निकला है, हमें उस पर काम करना है। यहां आए प्रत्येक प्रतिनिधि का दायित्व है कि वह हिंदुओं को जोड़े, जो चर्चाएं यहां हुईं उन्हें समाज तक पहुंचाए। सबसे ज्यादा आवश्यक है कि जो बातें यहां हुईं उनका क्रियान्वयन हो। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व का आधार धर्म विजय है और हिंदू सौभाग्यशाली हैं कि वे धर्म की राह पर चलते हैं।

कार्यक्रम के अंतिम दिन महिला फोरम के समापन सत्र में राष्ट्र सेविका समिति की अखिल भारतीय संचालिका शांताक्का ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि कम से कम महीने में एक बार हिंदू महिला फोरम को आनलाईन मिलना चाहिए ताकि अपनी समस्याओं और योजनाओं पर चर्चा करके एक दूसरे में आत्मविश्वास पैदा किया जा सके। उल्लेखनीय है कि सम्मेलन में सनातन धर्म, राजनीति, मीडिया नैरेटिव, अर्थ नीति, महिला सशक्तिकरण आदि विषयों पर संगोष्ठियां रखी गयीं। इन सत्रों में भारत और विश्व के प्रतिष्ठित वक्ता शामिल रहे।

प्रस्ताव
हिन्दू, हिन्दुत्व और सनातन धर्म

वर्ल्ड हिन्दू कांग्रेस में हिन्दुत्व को अंग्रेजी भाषा में ‘हिन्दुइज्म’ कहे जाने के विरोध में एक प्रस्ताव पारित किया गया। इस प्रस्ताव में कहा गया कि यह पूरी दुनिया के हिन्दू समुदाय और उनकी अच्छाई पर आघात है। इसलिए हिन्दुत्व को अंग्रेजी भाषा में ‘हिन्दुइज्म’ नहीं, बल्कि ‘हिन्दूनेस’ कहा जा सकता है।

‘हिन्दू धर्म’ शब्द में पहला शब्द, ‘हिन्दू’ एक अपरिमित शब्द है। यह दर्शाता है कि सनातन शाश्वत है। और फिर है धर्म, जिसका अर्थ है ‘वह, जो शाश्वत रहता है। इस प्रकार, हिंदू धर्म उस सब का प्रतीक है जो शाश्वत रूप से सब कुछ धारण करता है, एक व्यक्ति, एक परिवार, एक समुदाय, एक समाज और यहां तक कि प्रकृति-सजीव और निर्जीव दोनों।

इसके विपरीत, हिंदुइज्म पूरी तरह से अलग है, क्योंकि इसमें ‘इज्म’ जुड़ा हुआ है। ‘इज्म’ शब्द को एक दमनकारी और भेदभावपूर्ण रवैये के रूप में परिभाषित किया गया है। उन्नीसवीं सदी के मध्य में अमेरिका में, ‘इज्म’ वाक्यांश का उपयोग सामूहिक रूप से कट्टरपंथी अपमानजनक तरीके से पांथिक और सामाजिक सुधार आंदोलनों तथा विभिन्न गैर-मुख्यधारा को संदर्भित करने के लिए किया गया था। ‘हिन्दुइज्म’ शब्द को ऐसे संदर्भ में समझा जाना चाहिए। पिछले 150 वर्षों में क्रूर हिंदू-विरोधी आख्यानों के पीछे ऐसी शब्दावली ही बीज है। ऐसे कारणों से ही हमारे बुजुर्गों ने हिंदुइज्म की तुलना में ‘हिंदुत्व’ शब्द को प्राथमिकता दी, क्योंकि यह शब्द अधिक सटीक है क्योंकि इसमें ‘हिंदू’ शब्द के सभी अर्थ शामिल हैं। हिंदुत्व कोई जटिल शब्द नहीं है। इसका सीधा सा अर्थ है ‘हिंदूनेस’।

प्रस्ताव में कहा गया कि दूसरों ने हिन्दुत्व की जगह वैकल्पिक शब्द ‘सनातन धर्म’ उपयोग किया जिसे अक्सर ‘सनातन’ के रूप में परिभाषित किया जाता है। यहां ‘सनातन’ शब्द हिंदू धर्म की शाश्वत प्रकृति को इंगित करने वाले विशेषण के रूप में कार्य करता है। सार्वजनिक चर्चा में कई तथाकथित शिक्षाविद् और ‘बुद्धि के हिमालय’ नियमित रूप से हिंदुत्व को हिंदू धर्म के विपरीत, यानी बेहद नकारात्मक रूप से चित्रित करते हैं। उनमें से कुछ लोग अपनी अज्ञानता के कारण ऐसा तर्क करते हैं। लेकिन अधिकांश लोग हिंदू धर्म के प्रति अपनी गहरी नफरत और पूर्वाग्रहों के कारण हिंदुत्व विरोधी हैं।

राजनीतिक एजेंडे और व्यक्तिगत पूर्वाग्रहों से प्रेरित कई नेता भी उस समूह में शामिल हो गए हैं और लगातार अधिक तीक्ष्णता से सनातन धर्म की आलोचना कर रहे हैं। प्रस्ताव में कहा गया- ‘वैश्विक हिंदू समुदाय की ओर से विश्व हिंदू कांग्रेस यह घोषणा करती है कि हिंदुत्व या सनातन धर्म की दुर्भावनापूर्ण आलोचना वास्तव में हिंदू समाज की सुंदरता, न्यायपूर्णता, अच्छाई और महानता को लांछित करती है। वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस ऐसे हमलों की कड़ी निंदा करती है और दुनिया भर के हिंदुओं से संगठित वैश्विक प्रयासों के माध्यम से हिंदुत्व की अभिव्यक्ति के लिए आग्रह करती है। यह ऐसे हिंदू विरोधी हमलों और कट्टरता में शामिल लोगों पर अंकुश लगाने का आग्रह करती है, ताकि हम विजयी हों।

2026 में होगा अगला आयोजन

समापन कार्यक्रम में आयोजकों की ओर से घोषणा की गई कि अगला विश्व हिंदू सम्मेलन-2026 में मुंबई में आयोजित किया जाएगा। आयोजन समिति के सचिव स्वदेश. आर. खेतावत ने कहा कि उस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के भी सौ वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। निश्चित रूप से सेवा के इन सौ वर्ष का विशेष महत्व होगा। बता दें कि इससे पहले 2014 में दिल्ली, 2018 में शिकागो और 2023 की वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस अब बैंकॉक में आयोजित किया गया।

इन रपटों पर भी नजर डालें

‘‘विश्व विजय के लिए हिंदू समाज संगठित होकर करे कार्य’’

विश्व भर में बसे हिन्दुओं का लौटेगा गौरव

‘‘सनातन के अभ्युदय के लिए हो रहा भारत का उदय’’

 

Topics: हिन्दू मीडिया फोरमWorld Hindu Democratic Forumवर्ल्ड हिन्दू डेमोक्रेटिक फोरमHindu Women Forumहिन्दू वीमेन फोरमHindu Congressहिन्दू स्टूडेंटहिंदू कांग्रेसभारत सेवाश्रम संघSagar Manthan of Hindu Manराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघVishwa SadbhavHindu studentWorld Hindu Economic Forumविश्व सद्भावHindu Education Boardहिन्दू एजूकेशन बोर्डHindu Media Forum
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

RSS Chief mohan ji Bhagwat

महिला सक्षमीकरण से ही राष्ट्र की उन्नति- RSS प्रमुख डॉ. मोहन भागवत जी

श्री गिरीश प्रभुणे को सम्मानित करते श्री भैयाजी जोशी

पुणे में समाजसेवी गिरीश प्रभुणे अमृत महोत्सव में समाज में ईश्वर को देखने की दृष्टि विकसित

‘सामाजिक समरसता वेदिका’ द्वारा संचालित सिलाई केंद्र में प्रशिक्षण प्राप्त करतीं लड़कियां

इदं न मम् : तेलंगाना में ‘सामाजिक समरसता वेदिका’ के प्रयासों से परिवर्तन से हुई प्रगति

Supreme Court

अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कुछ भी पोस्ट नहीं कर सकते, SC ने कार्टूनिस्टोंं और स्टैंडअप कॉमेडियनों पर की सख्त टिप्पणी

चतुर्थ सरसंघचालक श्री रज्जू भैया

RSS के चौथे सरसंघचालक जी से जुड़ा रोचक प्रसंग: जब रज्जू भैया ने मुख्यमंत्री से कहा, ‘दुगुनी गति से जीवन जी रहा हूं’

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाक पर 500 KG बम गिराने वाला विमान 60 साल की सेवा के बाद विदाई की ओर….जानिये इसकी 15 खासियतें

ITR Filing Last date

ITR Filing Last Date: क्या है ITR फाइल करने की आखिरी तारीख? जानिए लेट फाइलिंग पर कितना लगेगा जुर्माना

व्हेल और डॉल्फिन : महासागर के महारथियों का अद्भुत संसार

ब्रिटिश-अफ्रीकी यूट्यूबर सेंजो न केवल धर्म का उपहास उड़ाते हुए मांस खा रहा था, बल्कि उसने वहां बैठी महिलाओं और अन्य भक्त कर्मचारियों को भी वह खाने की पेशकश की

लंदन इस्कॉन के रेस्टोरेंट में बेशर्मी से मांस खाने वाले के विरुद्ध लोगों का भड़का गुस्सा, अब दोषी मांग रहा माफी

Suprime Court

सुप्रीम कोर्ट करेगा राष्ट्रपति के 14 सवालों पर विचार

निर्माण कार्य में लगे लोगों और पुलिस पर पथराव करतीं मुस्लिम महिलाएं

जैसलमेर के बासनपी गांव में वीरों की छतरियों का पुनर्निर्माण कर रहे लोगों पर उन्मादी मुसलमानों का हमला

Kanwar Yatra

कांवड़ मेला: 4 करोड़ से ज्यादा शिवभक्तों की उमड़ी भीड़, मेले के बाद भी नहीं थम रहा आस्था का सैलाब

आज का इतिहास

“तारीख बोल उठी”, जानिये 23 जुलाई का इतिहास: आज ही के दिन गूंजी थी “आकाशवाणी”

मौलाना छांगुर

भदोही: मुस्लिम पत्नी और ‘छांगुर गैंग’ ने इस्लाम कबूलने का बनाया दबाव, चाकू की नोंक पर पढ़वाया कलमा

बाल गंगाधर तिलक

लोकमान्य तिलक जयंती पर विशेष : स्वराज के संघर्ष ने बनाया ‘लोकमान्य’

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies