देहरादून। नव नियुक्त डीजीपी अभिनव कुमार ने शु्क्रवार को अपने अधीनस्थों के साथ पहली बैठक की, जहां उन्होंने अपनी प्राथमिकताएं गिनाते हुए, कानून व्यवस्था संबंधी दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि जमानत एवं पेरोल पर आए अभियुक्तों की निगरानी और उनकी गतिविधियों पर सतर्क दृष्टि रखें। मासिक अपराध गोष्ठी में जेल अधीक्षकों को भी आमंत्रित करें और उनसे भी सूचनाओं का आदान-प्रदान करें। एसटीएफ भी सीमावर्ती राज्यों की जेलों से जमानत एवं पेरोल पर आए अभियुक्तों की नियमित निगरानी करें।
डीजीपी ने समस्त जनपदों के एसएसपी नियमित रूप से ICJS पोर्टल पर मॉनिटरिंग करने पर जोर देते हुए कहा कि आम आदमी को न्याय की सबसे पहली उम्मीद पुलिस से ही होती है। उन्होंने कहा कि निरोधात्मक कार्यवाहियां प्रोएक्टिव पुलिसिंग को दर्शाती है। इस पर विशेष फोकस किया जाए। डीजीपी कुमार ने नशे के कारोबार में प्रभावी रोकथाम के लिए NDPS एक्ट एवं गैंगस्टर एक्ट के अन्तर्गत अवैध रूप से अर्जित की गई सम्पत्ति की जब्तीकरण की कार्रवाई और गुण्डा एक्ट के अन्तर्गत जिला बदर की कार्रवाई बढ़ाये जाने के लिए भी निर्देशित किया।
डीजीपी ने कहा कि सड़क दुर्घटना सम्भावित क्षेत्रों का चिन्हिकरण करें और वहां रोड साइनेंज और पुलिस कर्मियों को नियुक्त किया जाए। डीजीपी ने पुलिस के साथ-साथ शहरी क्षेत्र में आरटीओ, नगर निकाय, लोक निर्माण जैसे संबंधित विभागों एवं हितधारकों के साथ समुचित समन्वय स्थापित कर प्रिवेन्टिव ट्रैफिक मेनेजमेन्ट के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार करने पर भी जोर दिया। डीजीपी की पहली बैठक में पुलिस हेड क्वाटर के डीआईजी सेंथिल आबुदई ने उनका स्वागत किया। इस अवसर पर सभी एडीजी, जिला पुलिस प्रमुख और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
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