प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सीओपी28 शिखर सम्मेलन में भाग लेने इस वक्त दुबई में हैं। जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण विषय पर 30 नवम्बर से शुरू हुए इस सम्मेलन में दुनिया के शीर्ष नेता भाग ले रहे हैं। आज इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने साफ शब्दों में कहा कि आज जिस तरह की जलवायु परिवर्तन की समस्याएं सामने आई हैं उसके लिए विकासशील देशों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
विश्व जलवायु कार्रवाई विषय पर हो रहे इस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए मोदी विशेष रूप से संयुक्त अरब अमीरात गए हैं। सम्मेलन में दुनियाभर के देशों के अनेक बड़े नेता पहुंच चुके हैं और कुछ पहुंचने वाले हैं। 30 नवंबर से शुरू हुआ यह सम्मेलन आगामी 12 दिसंबर तक जारी रहने वाला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूएई के साथ भारत के संबंधों के संदर्भ में कहा कि दोनों ही देश हरित तथा और समृद्ध भविष्य को शक्ल देने के लिए एक दूसरे के साझीदार के नाते साथ साथ हैं। हम जलवायु कार्रवाई पर वैश्विक चर्चा पर असर पैदा करने के अपनी साझा कोशिशों के प्रति दृढ़ रहने वाले हैं। इस दृष्टि से भारत और यूएई संबंध लगातार पुख्ता होते जा रहे हैं।
विश्व की आज की तनावपूर्ण परिस्थितियों में शुरू हुए इस सम्मेलन में नरेंद्र मोदी का उपरोक्त वक्तव्य विकसित देशों द्वारा बार बार दोहराए गए उस गलत तथ्य को एक तरह से उजागर करता है जिसमें जलवायु परिवर्तन और उसके दुष्प्रभावों के लिए विकासशील देशों पर उंगली उठाई जाती है। मोदी ने एक प्रकार से इस सम्मेलन में अपने इस वक्तव्य से विकासशील देशों, या जिन्हें अब ग्लोबल साउथ कहा जाता है, की अगुआई करते हुए उनकी स्थिति स्पष्ट की है।
दुबई में अपना गहन वक्तव्य रखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने विकासशील देशों का आह्वान किया है कि वे अपेक्षित जलवायु वित्तपोषण तथा प्रौद्योगिकी से जुड़े हस्तांतरण को सुनिश्चित करें। मोदी ने कहा कि, इसके साथ ही यह भी हमें ध्यान रखना होगा कि विकासशील देशों ने जलवायु की समस्या नहीं पैदा की है, लेकिन तो भी इसका समाधान तलाशने में वे अपना सहयोग देने की इच्छा रखते हैं। जलवायु परिवर्तन पर इस शिखर सम्मेलन यानी सीओपी28 में भाग लेने के साथ ही मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात के प्रसिद्ध अखबार अल-इत्तिहाद को एक साक्षात्कार दिया।
अपने इस साक्षात्कार में मोदी ने कहा कि, उनका हमेशा से यही मानना रहा है कि जलवायु परिवर्तन सबकी साझी चुनौती है। इसके समाधान के लिए एकीकृत वैश्विक प्रयास करने की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु वित्त पोषण में अब तक हुए काम को लेकर कहा कि इसे महत्वाकांक्षाओं के बढ़ने के अनुसार तय होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को तो पूरी उम्मीद है कि सीओपी 28 बैठक एक प्रभावकारी जलवायु कार्रवाई को और गति देने वाली साबित होगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सीओपी28 का यह शीर्ष सम्मेलन जलवायु बदलाव पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क सम्मलेन तथा पेरिस समझौते में तय हुए लक्ष्यों को आगे ले जाने में जलवायु को लेकर कार्रवाई तथा अंतरराष्ट्रीय सहयोग में और तेजी लाएगा।
दुबई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूएई के साथ भारत के संबंधों के संदर्भ में कहा कि दोनों ही देश हरित तथा और समृद्ध भविष्य को शक्ल देने के लिए एक दूसरे के साझीदार के नाते साथ साथ हैं। हम जलवायु कार्रवाई पर वैश्विक चर्चा पर असर पैदा करने के अपनी साझा कोशिशों के प्रति दृढ़ रहने वाले हैं। इस दृष्टि से भारत और यूएई संबंध लगातार पुख्ता होते जा रहे हैं।
यूएई पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भव्य स्वागत हुआ। वहां के उप प्रधानमंत्री अल नाहयान मोदी की अगुआई के लिए स्वयं हवाई अड्डे पर उपस्थित थे। भारतीय दूतावास के अधिकारियों के अलावा वहां भारी संख्या में उपस्थित भारतीयों ने अपने लोकप्रिय नेता मोदी का खूब सत्कार किया। मोदी भी भारतीय समुदाय से मिलकर अभिभूत दिखे।
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