नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने लम्बे इंतजार के बाद गुरुवार को वायु सेना के लिए 97 हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस एमके-1ए और 156 लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) प्रचंड खरीदने को मंजूरी दे दी। इसके अलावा नौसेना के लिए मध्यम दूरी की एंटी-शिप मिसाइलों को मंजूरी दी गई है। सेना के लिए टोड आर्टिलरी गन सिस्टम की खरीद को भी सरकार से मंजूरी मिल गई है। रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ को बढ़ावा देने के लिए 98 फीसदी हथियार घरेलू उद्योगों से खरीदे जाएंगे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की बैठक में 2.23 लाख करोड़ रुपये के विभिन्न पूंजीगत अधिग्रहण प्रस्तावों के लिए आवश्यकता की स्वीकृति (एओएन) के संबंध में मंजूरी दी गई। इसमें 2.20 लाख करोड़ रुपये के हथियार घरेलू उद्योगों से खरीदे जाएंगे, जो कुल मंजूरी का 98 फीसदी हिस्सा है। इससे भारतीय रक्षा उद्योग को ‘आत्मनिर्भरता’ के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में पर्याप्त बढ़ावा मिलेगा।
डीएसी सेना के लिए दो प्रकार के एंटी-टैंक युद्ध, एरिया डेनियल म्यूनिशन (एडीएम) टाइप-2 और टाइप-3 की खरीद के लिए एओएन को मंजूरी दे दी है, जो टैंक और बख्तरबंद को बेअसर करने में सक्षम हैं। अपनी सेवा अवधि पूरी कर चुकी इंडियन फील्ड गन (आईएफजी) को बदलने के लिए अत्याधुनिक टोड गन सिस्टम (टीजीएस) की खरीद के लिए एओएन दिया गया है, जो भारतीय सेना के तोपखाने का मुख्य आधार बन जाएगा। इसके अलावा 155 मिमी आर्टिलरी गन में उपयोग के लिए 155 मिमी नबलेस प्रोजेक्टाइल के लिए भी मंजूरी दी गई है, जो प्रोजेक्टाइल की घातकता और सुरक्षा को बढ़ाएगी।
इसके अलावा नौसेना के लिए टी-90 टैंकों, स्वचालित लक्ष्य ट्रैकर (एटीटी) और डिजिटल बेसाल्टिक कंप्यूटर (डीबीसी) की खरीद और एकीकरण के लिए एओएन भी प्रदान किया गया है, जो प्रतिद्वंद्वी प्लेटफार्मों पर टी-90 टैंकों की लड़ाकू बढ़त बनाए रखने में मदद करेगा। भारतीय नौसेना के सतह प्लेटफॉर्म के लिए मध्यम दूरी की एंटी-शिप मिसाइलों (एमआरएएसएचएम) की खरीद के लिए एओएन भी प्रदान किया गया है। इसकी परिकल्पना एक हल्के सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल के रूप में की गई है, जो भारतीय नौसेना के जहाजों पर एक प्राथमिक आक्रामक हथियार होगा।
डीएसी ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से भारतीय वायु सेना और भारतीय सेना के लिए लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर प्रचंड और वायु सेना के लिए लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस एमके-1ए की खरीद के लिए खरीद मंजूरी मिल गई है। इसके अलावा एचएएल से स्वदेशी तौर पर सुखोई-30 एमकेआई विमान को अपग्रेड करने के लिए डीएसी ने एओएन दिया है। इन उपकरणों की खरीद से भारतीय वायुसेना को भारी ताकत मिलेगी और घरेलू रक्षा उद्योगों से अधिग्रहण स्वदेशी क्षमता को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा। इससे विदेशी मूल उपकरण निर्माताओं पर निर्भरता भी काफी हद तक कम हो जाएगी।
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