मथुरा में शुरू हुआ देश का पहला गो अनुसंधान केन्द्र, आरएसएस के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत ने किया लोकार्पण

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अनुरोध भारद्वाज

मथुरा। भारत में गायों पर विश्वस्तरीय शोध के लिए मथुरा में पहला गो अनुसंधान केन्द्र शुरू हो गया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत जी ने मंगलवार को मथुरा के परखम स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय गो विज्ञान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर वीडियो संदेश जारी कर कहा कि यह केन्द्र न सिर्फ रोजगार के नए रास्ते खोलेगा, बल्कि भारत सहित पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों को शोध का मौका भी देगा।

दीनदयाल उपाध्याय गो विज्ञान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र के लोकार्पण समारोह में आरएसएस के पश्चिमी और उत्तरी क्षेत्र के 17 जिलों से करीब 15 हजार स्वयंसेवक जुटे। तालियों की गड़गड़ाहट के बीच डा. भागवत ने केन्द्र का लोकार्पण किया। मथुरा जिले के फरह क्षेत्र में स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्मस्थली दीनदयाल धाम के पास परखम गांव में एशिया का सबसे बड़ा गौ विज्ञान, अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र में गौवर्धन की नई अलख जगेगी। यह देश का पहला ऐसा पशु चिकित्सालय है, जो आयुर्वेद पर आधारित है। यहां गायों पर विश्वस्तरीय शोध कार्य होंगे। सबसे बड़ा काम गोवंशों की नस्ल सुधार का होगा। इसके अलावा पंचगव्य की गुणवत्ता सुधार की दिशा में व्यापक शोध कार्य इस केन्द्र में होते नजर आएंगे। गव्य उद्यमिता विकसित करने के लिए भी यहां प्रशिक्षण दिया जाएगा। दीनदयाल अनुसंधान केन्द्र विश्वपटल पर गाय से मनुष्यों के संवर्धन का उच्चतम मानक स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

केन्द्र में 32 एकड जैविक खेती एवं भूमि गौचारण के लिये रहेगी। आगे यहां 15 अन्य प्रशिक्षण केंद्र और प्रकल्प भी स्थापित किए जाएंगे। भारत की पारंपरिक पशु चिकित्सा पद्धति का व्यावहारिक प्रयोग केन्द्र में किया जाएगा। केन्द्र में युवाओं को उद्यमी बनाने पर जोर रहेगा। नवाचार विद्यालय में विद्यार्थियों को तकनीकी, उत्पाद सेवा, रणनीति, संरचनात्मक, शिक्षा संस्कृति एवं नवाचार को धरातल पर उतारने के लिए प्रेरित और प्रशिक्षित किया जाएगा। बलभद्र व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थान (बीवीटीआई) में कृषि, बागवानी, कृषि अभियांत्रिकी, प्रशीतन प्रौद्योगिकी, भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी, खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी, डेयरी प्रौद्योगिकी आदि अनुदेशात्मक कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे और युवाओं को उद्यमी बनने के योग्य बनाया जाएगा।

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