उत्तर प्रदेश में हलाल प्रमाणन के साथ उत्पादों की गुणवत्ता की भी जांच की जा रही है। सरकार ने कहा है कि यदि कोई उत्पाद अनावश्यक रूप से हलाल प्रमाणित मिला तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पाञ्चजन्य लखनऊ ब्यूरो प्रभारी सुनील राय ने हलाल प्रमाणन मुद्दे पर प्रदेश के आयुष, खाद्य सुरक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ से बातचीत की। प्रस्तुत हैं उसके अंश-
हलाल प्रमाणित उत्पाद उत्तर प्रदेश के बाजार में कैसे आए?
यह बहुत ही गंभीर प्रकरण है। मुख्यमंत्री योगी जी ने इस पर संज्ञान लिया है। इस प्रकार की सुनियोजित हरकत से मैं खुद चकित हूं। हलाल प्रमाणपत्र की सच्चाई उजागर करने के लिए कार्रवाई की जा रही है, जल्द ही सच सामने आएगा। इतना अवश्य कहना चाहूंगा कि जो भी लोग इस गैर कानूनी कार्य को कर रहे हैं, वे समाज और देश के हितैषी नहीं हैं।
पूरे प्रदेश में छापेमारी के आदेश दिए गए हैं। खाद्य निरीक्षक प्रदेश के सभी जनपदों में टीम के साथ प्रतिदिन दुकानों एवं शापिंग मॉल में रखे उत्पादों जांच कर रहे हैं। जहां-जहां हलाल प्रमाणित उत्पाद मिल रहे हैं, उन्हें जब्त किया जा रहा है। इन उत्पादों को बेचने वालों पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
क्या ऐसा करके खाद्य सुरक्षा का मानक तय करने वाले सरकारी विभाग के समानांतर नई व्यवस्था नहीं चलाई जा रही है?
खाद्य सुरक्षा का मानक तय करने का अधिकार सरकार को है। उसके अनुरूप ही कार्य किए जाने चाहिए। अगर कोई संस्था या कंपनी इस तरह का प्रमाणपत्र जारी करती है, तो वह वह गैर-कानूनी है। उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
आपके विभाग ने अभी तक क्या कार्रवाई की है?
पूरे प्रदेश में छापेमारी के आदेश दिए गए हैं। खाद्य निरीक्षक प्रदेश के सभी जनपदों में टीम के साथ प्रतिदिन दुकानों एवं शापिंग मॉल में रखे उत्पादों जांच कर रहे हैं। जहां-जहां हलाल प्रमाणित उत्पाद मिल रहे हैं, उन्हें जब्त किया जा रहा है। इन उत्पादों को बेचने वालों पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
हलाल सर्टिफिकेट देने वाली अधिकतर संस्थाएं दूसरे राज्यों की हैं। उन पर राज्य सरकार कैसे कार्रवाई करेगी?
यह संज्ञान में आया है कि अन्य प्रदेशों के कुछ लोगों ने ट्रस्ट या कंपनी के नाम से हलाल प्रमाणपत्र जारी किया है। भले ही वे दूसरे राज्यों में हैं। वे हैं तो देश में ही न। जिसने भी गलत किया है, वह कार्रवाई से नहीं बचेगा।
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