Uttarakhand News: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा जनता के हित में चलाई जा रही योजनाओं के संबंध में विस्तार से बताया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि चारधाम के माध्यम से उत्तराखंड ने पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है। गढ़वाल में केदारखंड के बाद अब कुमाऊं में मानसखंड बनने से कुमाऊं की तस्वीर बदल जाएगी। कुमाऊं को सुंदर, समृद्ध और आध्यात्मिक बनाने के लिए मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत एक रोड मैप तैयार किया गया है। जिसमें कुमाऊं के करीब 26 मंदिरों को जोड़कर धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है।
जिससे धार्मिकता के साथ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। वहीं स्थानीय लोगों को बेहतर रोजगार, श्रद्धालुओं और पर्यटकों को कुमाऊं की संस्कृति, सभ्यता को जान सकेंगे। मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना के तहत राष्ट्रीय मार्ग-मुख्य मार्ग की सड़कों का और भी बेहतर सुधार होगा साथ ही कुछ मानसखंडों को हेली सुविधा से भी जोड़ा जाएगा।
ये सभी मानसखंड़ों को चार धाम की तर्ज पर विकसित किया जाएंगे। इन मानसखंड़ों के आस पास स्वास्थ्य सुविधा आदि की व्यवस्था की जाएगी। जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि चारों धाम में इस वर्ष करीब 56 लाख से अधिक श्रद्धालओं ने दर्शन किए, जो राज्य ही नहीं बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व की बात है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी कुछ समय पहले पिथौरागढ़ दौरे पर आए थे और 18000 से अधिक फिट की ऊंचाई पर शिव आराधना करने वाले वह पहले प्रधानमंत्री हैं। यहां आदि कैलाश, चीन सीमा पर बसे गुंजी गांव भी पहुंचे। प्रधानमंत्री के दौरे बाद पूरे विश्व में कुमाऊं पूरी तरह अपनी पहचान बना चुका है। इसके बाद सिने स्टार, खिलाड़ियों द्वारा भी सोशल मीडिया पर कुमाऊं के पर्यटक स्थल, मंदिरों आदि के बारे में अपने विचार व्यक्त करते नजर आए।
प्रधानमंत्री श्री मोदी के दौरे के बाद विश्व पटल पर छाए आदि कैलाश, जागेश्वर धाम सहित कुमाऊं के अन्य पर्यटक स्थल में पर्यटकों की आवाजाही बढ़ने लगी है। श्री धामी ने कहा कि पर्यटन व तीर्थाटन को बढ़ावा मिले इसके लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है साथ ही देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के सुगम आवागमन की व्यवस्था के लिए हर बेहतर विकल्प के प्रयास किया जा रहे हैं विश्व प्रसिद्ध सरोवर नैनीताल को रोप वे से जोड़ने के लिए शुरूआती कार्य शुरू हो चुका है।
सरकार कुमाऊं की लोक कला लोक संस्कृति और हथकरघा स्वरोजगार को सांस्कृतिक विरासत के रूप में विस्तार करने पर निरंतर प्रयास कर रही है आने वाले वर्षों में धार्मिक पर्यटन और तीर्थाटन से हमारी संस्कृति को और बल मिलेगा।
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