Uttarkashi Tunnel Rescue Update: सिलक्यारा सुरंग में आखिरकार सेना के जवानों को मोर्चे पर लगा दिया गया है, यह तीसरा मोर्चा है जिस पर बचाव दल लगाए गए हैं। अभी तक सुरंग में फंसे मलबे में ड्रिलिंग का काम पहले मोर्चे के तौर पर चल रहा था, ड्रिल ब्लेड टूटने और मलबे में फंसने के कारण यह ऑपरेशन रोक दिया गया था और आज इसे फिर से शुरू किया जाएगा। सुरंग से 87 मीटर ऊपर ड्रिल करने का एक और प्रयास कल शुरू किया गया, जो चौबीसों घंटे चल रहा है।
ताजा जानकारी यह है कि ऑगर मशीन को सुरंग से बाहर निकाल लिया गया है और उसके ब्लेड की मरम्मत की जा रही है। सिलक्यारा सुरंग के ऊपर वर्टिकल ड्रिलिंग का काम चल रहा है। अब तक 30 मीटर तक ड्रिलिंग हो चुकी है। सुरंग के अंदर फंसे बरमा (ऑगर) मशीन का बरमा निकाल लिया गया है।
अब यहां मैनुअल ड्रिलिंग का काम शुरू किया जाएगा, यह महत्वपूर्ण काम भारतीय सेना की इंजीनियरिंग बटालियन मद्रास सैपर्स की देखरेख में आगे बढ़ेगा। यहां मैनुअल ड्रिलिंग के लिए रैट माइनिंग विधि अपनाई जाएगी, जिसमें छोटी-छोटी सुरंगें खोदी जाती हैं, ऐसी सुरंगें कोयला खदानों में बनाई जाती हैं।
इस काम के लिए सेना के अधिकारियों और जवानों का तीस सदस्यीय दस्ता एक विशेष हेलीकॉप्टर से पहुंचा है और बिना समय बर्बाद किए विशेषज्ञों से बात करने के बाद अपना काम शुरू कर दिया है। यहां बचाव कार्य के लिए तैनात कर्नल दीपक पाटिल का कहना है कि हमारी टीम ने काम शुरू कर दिया है, देखते हैं हमें कितनी सफलता मिलती है।
खटीमा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि बचाव दल की सभी एजेंसियों का अच्छा तालमेल है सभी हर संभव प्रयास कर रहे हैं और पहली प्राथमिकता 41 श्रमिको को बाहर लाने की है, मैंने टनकपुर में श्रमिक परिवार से भी मिला और अन्य परिवार भी हमारे संपर्क में है। परिवार के कई सदस्य भी वहां इंतजार में बैठे हैं। फंसे हुए श्रमिकों को फोन पहुंचा दिए गए हैं और वे अपने परिवारों से बात भी कर रहे हैं।
श्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राज नाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री गडकरी आदि सभी हमसे अपडेट ले रहे हैं। पूर्व सड़क परिवहन राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह अभी भी घटना स्थल पर हैं। पीएमओ के अधिकारी भी वहां पर हैं, सभी चिंतित हैं, बाबा बौखनाथ की कृपा से सब कुछ अच्छे से हो जाएगा, बस धैर्य रखने की जरूरत है।
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