अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर के लिए लोग अपनी-अपनी इच्छा से दान कर रहे हैं। इस बीच पूर्व आईएएस अधिकारी लक्ष्मीनारायणन ने अपने जीवन की कमाई भगवान श्री राम के चरणों में समर्पित कर दी है। रामलला के अभिषेक के बाद वह मूर्ति के सामने 5 करोड़ रुपये की लागत से तैयार 151 किलो की रामचरितमानस स्थापित करेंगे।
इस दिन होगी भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा
पूरा देश उस समय का इंतजार कर रहा है जब राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इसकी तारीख भी आ गई है, 22 जनवरी 2024 को भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस दिन को लेकर भक्तों में बहुत उत्साह है। मंदिर का निर्माण कार्य प्राण-प्रतिष्ठा के बाद भी जारी रहेगा। मंदिर निर्माण के लिए लाखों-करोड़ों लोग दान दे रहे हैं।
लक्ष्मीनारायणन अपनी संपत्ति बेचेंगे
10,902 छंदों वाले इस महाकाव्य का प्रत्येक पृष्ठ तांबे से बना होगा, पृष्ठों को 24 कैरेट सोने में डुबाया जाएगा और फिर स्वर्ण जड़ित अक्षर लिखे जाएंगे। इसके लिए 7 किलो सोना और 140 किलो तांबे की जरूरत होगी, इसके अलावा अन्य धातुओं का भी इस्तेमाल किया जाएगा। इस किताब को बनवाने के लिए पूर्व आईएएस अधिकारी लक्ष्मीनारायणन ने अपनी संपत्ति बेचने और बैंक खाता खाली करने का फैसला किया है। रामचरितमानस को रामलला के चरणों के पास रखा जाएगा।
भगवान ने मुझे जो दिया है, मैं उसे वापस दे रहा हूं
लक्ष्मीनारायणन ने कहा कि रिटायरमेंट के बाद भी मुझे पेंशन मिल रही है और मेरी जिंदगी अच्छी चल रही है। मैं रोटी-दाल खाने वाला इंसान हूं, मेरी पूरी पेंशन भी खत्म नहीं होती। उन्होंने आगे कहा वह भगवान को वही लौटा रहे हैं जो भगवान ने उन्हें दिया था। दान के नाम पर धन लुटाने से अच्छा है कि उनकी पुस्तक उनके चरणों में अर्पित कर दी जाए।
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