छेड़खानी का विरोध करने पर मुसलमानों की भीड़ ने हिंदू छात्रों पर किया हमला !

Published by
रितेश कश्यप

झारखंड के रामगढ़ जिले में स्थानीय मुसलमानों ने हिंदू छात्र—छात्राओं पर उस समय किया हमला, जब वे छुट्टी के बाद अपने—अपने घर जा रहे थे। छात्रों को कहना है कि इस हमले में हमलावरों के परिवार वाले भी शामिल थे।

झारखंड सरकार की मुस्लिम तुष्टीकरण नीति अब अपना विकराल रूप दिखाने लगी है। प्रदेश में जिहादी तत्वों का दुस्साहस इस कदर बढ़ गया है कि अब ये लोग किसी भी विद्यालय में घुसकर हिन्दू छात्राओं को खुलेआम छेड़ने लगे हैं। वहीं अगर कोई इनका विरोध करे तो, ये लोग समूह बना कर उनके साथ बदसलूकी और मारपीट करते हैं। ताजा मामला रामगढ़ जिले के रजरप्पा थाना अंतर्गत चितरपुर स्थित आर.बी. उच्च विद्यालय का है। पिछले कई दिनों से विद्यालय के आसपास के रहने वाले कुछ मुसलमान वहां आने—जाने वाली बच्चियों को छेड़ रहे थे। इस घटना की जानकारी इन बच्चियों ने अपने विद्यालय के शिक्षकों को भी दी थी, लेकिन किसी ने उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया। अंत में विद्यालय के छात्रों ने ही जिहादी तत्वों का विरोध किया। इसका बदला लेने के लिए 24 नवंबर को जैसे ही विद्यालय की छुट्टी हुई, बदमाशों ने विद्यालय से निकलने वाले सभी छात्र-छात्राओं को रास्ते में रोककर उनके साथ बदसलूकी और मारपीट शुरू कर दी। इस दौरान दर्जनों बच्चे घायल हो गए। जैसे ही इसकी जानकारी बच्चों के माता-पिता और स्थानीय हिन्दू समाज को हुई तो उन लोगों ने भी इस घटना का विरोध करते हुए स्थानीय थाने का घेराव किया और पुलिस से दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। इस मामले में यह भी देखने को मिला कि बदमाशों के साथ स्थानीय मुस्लिम समाज खड़ा रहा।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि यह घटना हैरान करने वाली है। बच्चियां अब स्कूल जाने में भी खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछा है कि आखिर राज्य सरकार कैसा झारखंड बनाना चाहती है? आखिर विद्यालय में पढ़ने वाली बच्चियों का क्या अपराध था?

थाने में दिए गए आवेदन में बताया गया है कि विद्यालय की छुट्टी के बाद घात लगाए मुस्लिम समुदाय के कुछ लड़कों ने लाठी—डंडे और पत्थरों से बच्चों पर हमला किया। इस हमले में मुख्य रूप से मोहम्मद फरहान, मोहम्मद रेहान, मोहम्मद जावेद, मोहम्मद दानिश, मोहम्मद अरशद, मोहम्मद जीशान, मोहम्मद अबुजर शामिल थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए रजरप्पा पुलिस ने गंभीर रूप से घायल 12 छात्राओं और 9 छात्रों को रामगढ़ सदर अस्पताल में भर्ती कराया है।  हालाँकि, इतनी बड़ी घटना के बाद भी अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पायी है। रामगढ़ के पुलिस अधीक्षक पीयूष पांडे का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

स्थानीय सांसद जयंत सिन्हा ने पुलिस अधीक्षक पीयूष पांडे से कहा है कि वे जल्दी से जल्दी अपराधियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करें। इसके साथ ही उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस की सरकार में जनता बिल्कुल सुरक्षित नहीं है, प्रदेश में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और इस तरह की घटनाएं आम हो चुकी हैं।

10वीं कक्षा के कुछ छात्रों ने बताया कि विद्यालय की छुट्टी होने के बाद सभी बच्चे अपने घर जा रहे थे कि अचानक मुस्लिम लड़कों ने लाठी, डंडे और पत्थर से हमला कर दिया। इस हमले के बाद उन्हें कुछ भी समझ ही नहीं आया और सभी लोग डरकर इधर—उधर भागने लगे। हमला करने वालों में सिर्फ युवा ही नहीं थे, बल्कि उनके माता—पिता और कई महिलाएं भी थीं, जो बच्चों पर डंडे और पत्थर से हमला कर रहे थे।

कुछ छात्राओं ने बताया कि कुछ दिनों से मुसलमान युवक हम लोगों के साथ छेड़खानी कर रहे थे। ये लोग स्कूल के अंदर आकर नशा करते हैं, लड़कियों से भद्दी बातें करते हैं। इन सब बातों की जानकारी विद्यालय प्रबंधन को भी है, लेकिन विद्यालय प्रबंधन द्वारा अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अंत में हम लोगों ने जब इसका विरोध किया तो हम लोगों के साथ उन लड़कों ने और उनके परिवार वालों ने मिलकर हमला कर दिया और हमें घायल कर दिया।

इस मामले में विद्यालय के प्रधानाचार्य से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उनका फ़ोन बंद मिला।

बच्चों के अभिभावकों ने बताया कि उनके बच्चों के ऊपर हमला योजनाबद्ध तरीके से किया गया है। सभी हमलावर हथियार के साथ पहले से ही घात लगाए बैठे थे। जैसे ही विद्यालय की छुट्टी हुई तो पहले से मौजूद करीब 50 से 60 लोगों की भीड़ ने उन पर अचानक हमला बोल दिया।

एक छात्र ने बताया कि कुछ दिन पूर्व स्कूल के एक शिक्षक मोबिल अंसारी ने एक बच्चे को प्रभात फेरी के दौरान केवल इस पीटा था कि उसने जयश्री राम का नारा लगाया था। इसके बाद काफी हंगामा हुआ था। यह मामला तब शांत हुआ जब उस शिक्षक ने माफी मांगी।

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