इजरायल हमास युद्ध के बीच कतर की मध्यस्थता के हमास और इजरायल के बीच 4 दिन का युद्ध विराम हुआ है। साथ ही 150 फिलिस्तीनी कैदियों के बदले 13 इजरायली बंधकों को रिहा कर दिया गया है। लेकिन, इजरायल के वो बंधक जो अभी हमास के कब्जे में हैं, उनके परिजनों ने इस समझौते का विरोध किया है। बंधकों के परिजनों का कहना है कि समझौते की बजाय युद्ध के जरिए हमास पर दबाव बनाकर बंधकों को छोड़ने के लिए मजबूर करना चाहिए था।
टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक, बंधक बनाने का विरोध करने वाले बंधकों के परिवारों के लिए नए मंच टिकवा के प्रवक्ता ने कहा कि बंधकों को वापस लाने का सबसे सही और प्रभावी तरीका हमास पर समझौता न करने वाला दबाव डालना है। जब तक कि हमास बंधकों को बिना संपत्तियों के बदले छोड़ने की जिम्मेदारी न ले। फोरम के फाउंडर एलियाहू लिबमैन हेब्रोन के पास किर्यत अरबा के वेस्ट बैंक बस्ती की नगर पालिका के प्रमुख हैं। उनके बेटे इलियाकिम को 7 अक्टूबर को हमास के आतंकियों ने बंधक बना लिया था। लिबमैन ने कहा कि हम प्रत्येक बंधक की वापसी से खुश हैं।
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टिकवा फोरम के एक अन्य मेंबर जाविका मोर, जिनका बेटा भी गाजा में है। उन्होंने ने भी हमास के आतंकियों के साथ इजरायली सरकार के सौदे का विरोध किया है। मोर का कहना है कि बंधकों को वापस पाने की हमारी उत्सुकता ने आतंकियों की वैल्यू को बढ़ा दिया है। हालांकि, एक अन्य इजरायली नागरिक केरेन गोनेन, जिनकी बहन भी हमास के कब्जे में है, कहती हैं कि और कोई भी चीज मायने नहीं रखनी चाहिए। केवल एक चीज मायने रखनी चाहिए और वो है बंधकों की वापसी।
गौरतलब है कि इजरायल औऱ हमास के बीच समझौता हुआ है कि वो चार दिनों के युद्धविराम के दौरान सिलसिलेवार तरीके से 50 इजरायली बंधकों को रिहा करेगा। बदले में इजरायल भी 300 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा। बता दें कि 7 अक्टूबर को हमास ने बर्बर आतंकी हमला करके 1400 इजरायलियों की हत्या कर दी थी। आतंकी अपने साथ 240 लोगों को बंधक बनाकर अपने साथ गाजा लेकर गए थे।
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