हलाल प्रकरण के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वन्त्रता सेनानी टीएल वासवानी की जयंती को मांस रहित दिवस घोषित कर दिया है। वासवानी जी ने अपना पूरा जीवन प्रकृति की रक्षा के लिए समर्पित कर दिया था।
इस संबंध में विशेष सचिव धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने उत्तर प्रदेश के सभी मण्डलायुक्त, जिलाधिकारी और नगर आयुक्त को पत्र भेज दिया है। पत्र के अनुसार साधु टीएल वासवानी की जयंती पर प्रदेश की समस्त मांस-मीट की दुकानों को बन्द रखा जाएगा। पत्र में साफ कहा गया है कि विभिन्न युग पुरुषों के जन्म दिवसों और कुछ प्रमुख धार्मिक पर्व को अहिंसा दिवस के रूप में मनाये जाने के उद्देश्य से साधु टीएल वासवानी की जयंती पर प्रदेश के सभी स्लॉटर हाउस और मीट-मांस की दुकानों को बन्द रखे जाने के निर्देश निर्गत किए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि साधु टीएल वासवानी का जन्म 25 नवंबर, 1879 को हैदराबाद सिंध में हुआ था। अब यह स्थान पाकिस्तान में है। टीएल वासवानी ने वर्ष 1899 में बॉम्बे विश्वविद्यालय से स्नातक और 1902 में पोस्ट ग्रेजुएट पूरा किया था। उसके बाद उन्होंने अपना जीवन भगवान और मानवता की सेवा में समर्पित कर दिया। उन्होंने जीव हत्या को रोकने के लिए अथक प्रयास किया। उनका मानना था कि पेड़-पौधों में भी प्राण होते हैं। वह भारतीय संस्कृति और धार्मिक सहिष्णुता के अद्वितीय उपासक थे।
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