रणमत सिंह
जन्म : 1825, मनकहरी, सतना (म.प्र.)
बलिदान : 1859
मध्य प्रदेश में 1857 के स्वातंत्र्य समर का बिगुल फूंकने वाले सेनानी थे रणमत सिंह। वे गजब के जांबाज और देशभक्त थे।
इन्होंने अपना पूरा सैन्य संगठन जंगल में ही खड़ा किया। इसके बाद नागौद में अंग्रेजों पर हमला किया।
फिर भेलसा के मैदान में अंग्रेज और बुंदेलों की संयुक्त सेना के बीच भीषण संघर्ष हुआ। रणमत सिंह ने स्थान बदल-बदल कर अंग्रेजों से युद्ध जारी रखा। इस युद्ध में उन्होंने अंग्रेजों को भारी नुकसान पहुंचाया।
अंतत: रणमत सिंह ज्वाला देवी के मंदिर में पकड़े गए और आगरा जेल में उन्हें फांसी दे दी गई।
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